नागरिकता ही नागरिक-शास्त्र में प्रधानता होने से ,
उसको प्राथमिकता दी जाती है।
मान केलिए दूसरा स्थान है।
मान-मर्यादा मनुष्यता को बड़ा बनाता है।
वही स्थायी रूप देता है।
विद्वत्ता और शिष्ठता मान के बाद का स्थान प्राप्त करता है।
उसको प्राथमिकता दी जाती है।
मान केलिए दूसरा स्थान है।
मान-मर्यादा मनुष्यता को बड़ा बनाता है।
वही स्थायी रूप देता है।
विद्वत्ता और शिष्ठता मान के बाद का स्थान प्राप्त करता है।
कई अच्छे गुण के होने पर भी,
दूसरों के स्वभाव को जान--समझकर
व्यवहार करना जरूरी है।
अतः विद्वत्ता के बाद चाल-चलन और संस्कृती को
वरिष्ठता दी जाती है ।
दूसरों के स्वभाव को जान--समझकर
व्यवहार करना जरूरी है।
अतः विद्वत्ता के बाद चाल-चलन और संस्कृती को
वरिष्ठता दी जाती है ।
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