भूताप्पानडीयन ने शपथ किया कि
न लड़कर, अपने दुश्मन का सामना बिना किये
यम के भय से पीठ दिखाकर भागनेवाले
आँखों के तारे के तारे होने पर भी उनको छोड़ दूंगा।
तमिल:-
अदान्गात्ताने वेंदारुडनगियैत
तेंनोडु पोरुतु मेंबवरै
आलमरत थाक्कित तेरोडू
अवर पुरंग कानेनायिर सिरंनद
पेरमरुन्कनी वलिनुम पिरिक.
राजा की रानी भी कायर ,
युद्ध क्षेत्र से भागनेवाले को नहीं चाहती।
वीर पति बनकर रण -क्षेत्र में
वीरगति प्राप्त करना ही रानी के लिए गौरव की बात है।
नागरिक के सर्व श्रेष्ठ गुण ,बड़प्पन के योग्य गुण
सहज रूप में जो प्राप्त करता है
वह अपूर्व कार्य करके दिखाता है।
वह जो भी करता है,
न्याय और रीति से करता है।
ये बड़े लोग प्रशंसनीय बनते हैं।
ये नागरिक हैं।
छोटे गुणवाले अहंकार ,अज्ञानता,स्वार्थ आदि
निम्न विचार के होते हैं।
अतः वे निंदा के पात्र बनते हैं।
इन गुणों से दूर रहें तो आदर्श नागरिक बनजाते हैं।
निम्न गुणवाले अपूर्व काम करने पर भी
अहंकार के कारण बड़े नहीं होते।
सद्गुण और नागरिकता के गुण जिसमें नहीं है,
उसको अधिक संपत्ति मिल जाए तो उसका काम बन्दर के हाथ में
मिले मशाले की तरह हो जाएगा।
वह सर्वनाश कर देगा।
बड़े लोग विनम्र रहेंगे।
छोटे लोग आत्म प्रशंसा में लगे रहेंगे।
बड़े लोगों को दुसरे लोग बड़ा बनायेंगे।
छोटे लोगों को खुद बड़े
बनने के प्रयास में और भी छोटा होना पडेगा।
भवनंदी नामक कवि ने आत्मा -प्रशंसा के लायक
चार स्थानों का जिक्र किया है।
राज-सभा,
अपनी शक्ति और कौशल न जाननेवाले,
स्थायी नाम देने की सभा,अपनी बात के विरुद्ध बोलनेवाले
आदि के सामने आत्मा प्रशंसा करना ही उचित गुण है।
वल्लुवर ने कहा कि बड़े अपने मुख से अपने को बड़ा नहीं कहेंगे।
वे दूसरों के दोषों को छिपा देंगे।
आम सभा में दोषारोपण करना बड़ों का काम नहीं है।
कुरल :-पेरुमैयुडैया वराट्रू वार आटरिन
अरुमै उडै य सेयल .
छोटे लोग दूसरों के दोष अल्प होने पर भी उसे बड़ा दोष बनाकर
दूसरों को अपमानित करेंगे।
बड़ों का गुण दूसरों के दोषों को भूलना और माफ करना।छोटों का गुण दूसरों के दोषों को नहीं भूलना और माफ
न करना।
सिरियार उनर्च्चियुल इल्लै पेरियारैप पेनिक कोल्वे मेंनुम नोक्कु।
बड़े लोग जानते हैं कि भूल करना मनुष्य का सहज गुण है।
भूले भड़के लोगों की भूलों को सुधारना बड़ों का काम है।
अतः वे मनुष्य की भूलों को भरी सभा में प्रकट नहीं करेंगे।
न लड़कर, अपने दुश्मन का सामना बिना किये
यम के भय से पीठ दिखाकर भागनेवाले
आँखों के तारे के तारे होने पर भी उनको छोड़ दूंगा।
तमिल:-
अदान्गात्ताने वेंदारुडनगियैत
तेंनोडु पोरुतु मेंबवरै
आलमरत थाक्कित तेरोडू
अवर पुरंग कानेनायिर सिरंनद
पेरमरुन्कनी वलिनुम पिरिक.
राजा की रानी भी कायर ,
युद्ध क्षेत्र से भागनेवाले को नहीं चाहती।
वीर पति बनकर रण -क्षेत्र में
वीरगति प्राप्त करना ही रानी के लिए गौरव की बात है।
नागरिक के सर्व श्रेष्ठ गुण ,बड़प्पन के योग्य गुण
सहज रूप में जो प्राप्त करता है
वह अपूर्व कार्य करके दिखाता है।
वह जो भी करता है,
न्याय और रीति से करता है।
ये बड़े लोग प्रशंसनीय बनते हैं।
ये नागरिक हैं।
छोटे गुणवाले अहंकार ,अज्ञानता,स्वार्थ आदि
निम्न विचार के होते हैं।
अतः वे निंदा के पात्र बनते हैं।
इन गुणों से दूर रहें तो आदर्श नागरिक बनजाते हैं।
निम्न गुणवाले अपूर्व काम करने पर भी
अहंकार के कारण बड़े नहीं होते।
सद्गुण और नागरिकता के गुण जिसमें नहीं है,
उसको अधिक संपत्ति मिल जाए तो उसका काम बन्दर के हाथ में
मिले मशाले की तरह हो जाएगा।
वह सर्वनाश कर देगा।
बड़े लोग विनम्र रहेंगे।
छोटे लोग आत्म प्रशंसा में लगे रहेंगे।
बड़े लोगों को दुसरे लोग बड़ा बनायेंगे।
छोटे लोगों को खुद बड़े
बनने के प्रयास में और भी छोटा होना पडेगा।
भवनंदी नामक कवि ने आत्मा -प्रशंसा के लायक
चार स्थानों का जिक्र किया है।
राज-सभा,
अपनी शक्ति और कौशल न जाननेवाले,
स्थायी नाम देने की सभा,अपनी बात के विरुद्ध बोलनेवाले
आदि के सामने आत्मा प्रशंसा करना ही उचित गुण है।
वल्लुवर ने कहा कि बड़े अपने मुख से अपने को बड़ा नहीं कहेंगे।
वे दूसरों के दोषों को छिपा देंगे।
आम सभा में दोषारोपण करना बड़ों का काम नहीं है।
कुरल :-पेरुमैयुडैया वराट्रू वार आटरिन
अरुमै उडै य सेयल .
छोटे लोग दूसरों के दोष अल्प होने पर भी उसे बड़ा दोष बनाकर
दूसरों को अपमानित करेंगे।
बड़ों का गुण दूसरों के दोषों को भूलना और माफ करना।छोटों का गुण दूसरों के दोषों को नहीं भूलना और माफ
न करना।
सिरियार उनर्च्चियुल इल्लै पेरियारैप पेनिक कोल्वे मेंनुम नोक्कु।
बड़े लोग जानते हैं कि भूल करना मनुष्य का सहज गुण है।
भूले भड़के लोगों की भूलों को सुधारना बड़ों का काम है।
अतः वे मनुष्य की भूलों को भरी सभा में प्रकट नहीं करेंगे।
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