Wednesday, March 14, 2018

मन

मनुष्य जीवन मन पर निर्भर.
मन चंचल लौकिक वासना के पवन ,
तब अस्थिर हो जाता ईश्वरीय भय भी .
अधर्म भी माया मोह में हो जाता ,
धर्म समान.
अलोकिक विचारों में मन स्थिर,
धर्म ही धर्म ,ज्ञान ही ज्ञान ,
ब्रह्मानंद ही ब्रह्मानंद.
माया मोह से दूर , ईश्वरीय बल ही
शाश्वत.
ॐ गणेशाय नमः
ॐ कार्तिकेयाय नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ दुर्गायै नमः

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