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Wednesday, March 7, 2018

दर्शन

जीना एक कला है,
या
 विज्ञान
 पता नहीं,
पर दर्शन शास्त्र जरूर.
जानते हैं,
न जानते हैं,
समझते  हैं,
न समझते हैं,
समझाते हैं,
समझाने में
असमर्थ  होते हैं,
दोष निकालकर हैं,
खुद दोषी बन जाते हैं.
अंत में यह निष्कर्ष
  निकालते  हैं,
सब की नचावत राम गोसाई.
 आज ब्रह्म मुहूर्त   का चिंतन,
 बाह्याडंबर  ही प्रधान
 बन जाता है,
स्व रचित.. अनंतकृष्णन.
8610128658.
72, लक्ष्मी इल्लम,
अण्णा नगर सेकंड
क्रास स्ट्रीट, वेलच्चेरी, चेन्नई.
600042.

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