भारतीय संस्कृति
त्याग का मार्ग.
भोग का मार्ग
अंग्रेज आने के बाद.
जनता में जागरण.
बाल्य विवाह का अंत.
सति प्रथा का अंत.
सर्व शिक्षाअभियान.
सब ठीक.
पर
यह नयी पाश्चात्य पद्धति
मानव को
जगाया है सही.
पर पारिवारिक जीवन में बेचैनी.
अथक परिश्रम आर्थिक प्रगति.
जिंदगी में अर्थ प्रधान.
बाह्याडंबर प्रधान.
सुविधाएँ अधिक
पर जीवन में न आत्म संतोष .
यंत्र मय जीवन.
लक्ष्मी चंचला,मोह छोड .
भारतीय जीवन विचार.
चंचला लक्ष.मी जोड,
जिंदगी भोगने न त्यागने.
बनावटी जीवन
परिणाम न आंतरिक आनंद.
सदा अभाव की चिंता.
एक गाडी खरीदी,पर
नयी माडल सुविधा अधिक.
नया मकान खरीदा,पर
इन्टेर्नल डेकरेसन बदलना
लौकिक आनंद ,अभाव प्रधान.
न शांति प्रधान,
परिणाम आत्म संतोष नहीं,
अभाव भरी आत्मा.
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु.
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