[23/05, 10:46 am] sanantha 50: आश्वासन देना आसान!
तिल को पहाड बनाना
पहाड को तिल बनाना.
पहाड का चूर्ण संभव है,
चूर्ण को पहाड बनाना?
वह भी ढेर करके बनाना आसान?
कृत्रिम जल प्रभात भी संभव!
पर कुदरत की देन में स्वर्गीय आनंद.
वातानुकूल बर्फ तो रोग प्रद.
प्राकृतिक बर्फ में
सहजानंद.
पंखा ही हवा,
समुद्र तट की हवा,
एक रोग प्रद,
दूसरा आरोग्यप्रद.
स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक
अनंतकृष्णन चेन्नई
[23/05, 11:16 am] sanantha 50: आस्तिक की बातें,
अति सूक्ष्म।
हवा की तरह
महसूस करने की बात।
तटस्थ बात।
अगजग में है
ईश्वर के नाम
ठगनेवाले,ठगानेवाले,
धोखा खाकर भी
ईश्वर की परीक्षा मान
आश्वासन आशा की बात।
धोखा खाकर धोखा देने की बात,
मानव साधारण मानव का बर्ताव।
धोखा खाकर भी धोखा न देना,
दिव्य पुरुष की बात।
स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नै।
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