Friday, May 19, 2023

तकदीर

 [19/05, 10:00 pm] sanantha 50: श्रमदान  में कोई महान नहीं,

ईश्वर के प्रवचन में ,

आशीषें देने में

आश्रम बनाने में,

सर्वेश्वर की कृपा,

सब कुछ नहीं,

सारी मनोकामनाएँ पूरी होंगी।

 ख्वाब सब के सब देखते नहीं,

ख्वाब  देखना, 

ख्वाब  का साकार होना,

खुदा की मेहरबानी जान।।

फकीरों का ख्वाब  अलग,

पियक्कड़ों  का ख्वाब अलग,

भिखारियों का ख्वाब अलग।

समीक्षकों का सपना अलग।

  अमीरों का स्वप्न अलग।

 कवियों का सपना अलग।

ज्ञानियों   की सोच अलग।

 अगजग के हर एक वतनवासियों का

 सपना अलग अलग।

रूप,रंग,भाषा,

 पैदावर भी अलग अलग।

 हाथी तक अलग अलग रूप जान ।।

स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई ।।

[19/05, 10:38 pm] sanantha 50: सजा को सजाना सीखो।

सदा को सजा देना,

 उस की परवाह नहीं  करना।

 खूनी भी तकदीर से मंत्री बन जाता।

 पूलान देवी भी सांसद बना।

 सांसद बनकर भी  मनमोहन की

छाया में नचाया।

प्रधान मंत्री बनकर भी

 मन की बात बोल न सका।

 पन्नीर सेलवम मुख्य मंत्री,

जयललिता  पीछे नचाती।

 खूनी बनवाया ताजमहल,

पर बना वह मुहब्बत महल।।

 अंतिम दिनों में झरोके से देखा 

ताजमहल को आँसू बहाते बहाते।

 चक्रवर्ती दशरथ ,

 आँखों मेंआँसू बहाते बहाते

 शोक सागर में डूब मरे।।

 सोचो समझो, निश्चिंत रहो।

कबहिं मचावत राम गोसाई।।

स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक 

एस/अनंतकृष्णन, चेन्नई, 

तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक


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