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Sunday, August 10, 2025

संघर्ष जीवन में

 जीवन के संघर्ष।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

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 जीवन में संघर्ष 

राजा हो या रंक

 करना ही पड़ता है।

 राजा देश की सुरक्षा के लिए,

 देश की सुभीक्षा के लिए,

 अपनी वीरता बनाये रखने के लिए 

 नागरिकों की माँगें पूरी करने के लिए,

 संघर्ष करता रहता है।

 रंक अपने पेट भरने के लिए 

 कठोर मेहनत करता है।

अन्नदाता किसान के संघर्ष,

अहर्निशम के  कठोर परिश्रम के बाद,

 फसल को कीड़े मकोड़े 

‌चिडिया,चूहा, पक्षियों है 

बचाने,

अच्छे मूल्य बेचने

 अतिवृष्टि, अनावृष्टि,आदि

 प्राकृतिक कोप  ,

 इन सबके संघर्ष।

जीवन के संघर्ष

खासकर मानव जीवन में,

संघर्ष  विविध।

 गर्भ धारण से

 बच्चे का जन्म लेने तक 

का संघर्ष,प्रसव वेदना।

 बच्चे के रुप,आकार, गुण

 प्रतिभा, बुद्धिमत्ता कै

 विकास करने का संघर्ष।

 विद्यार्जन का संघर्ष,

 कला अर्जन का संघर्ष।

धन कमाने का संघर्ष।

  शादी के बाद का संघर्ष।

 गुणवान पति ने मिलने का संघर्ष।

 गुणवती पत्नी न मिलने का संघर्ष।

 संतान पालन का संघर्ष।

सुपुत्र कुपुत्र प्रतिभाशाली मंदबुद्धि, जन्मजात रोग,

 भाई-बहनों के संघर्ष।

 संपत्ति जोड़ने से संघर्ष।

संपत्ति न होने से संघर्ष।

साध्य असाध्य 

 रोग के संघर्ष।

आर्थिक संघर्ष,

 मानसिक संघर्ष।

 शारीरिक संघर्ष।

 अड़ोस-पड़ोस के संघर्ष।

   भ्रष्टाचारियों के कारण,

रिश्वतखोरों के कारण,

आतंकवादियों के कारण 

 चोर डाकू उचक्कों के कारण संघर्ष।

महँगाई के संघर्ष।

 जीवन के संघर्ष अंत तक।

फिर भी मानव सुखी

दुख सुख की आँखमिचौनी 

के संघर्षों का खेल है  जीवन।

एस.अनंतकृष्णन,










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