सच्चा मित्र
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई
सच्चा मित्र मिलना
ईश्वरीय वरदान।
आधुनिक काल में
मित्रता निभाना
अंतर्जाल के द्वारा ही।
स्कूल कालेज के बाद
नौकरी अन्य प्रांतों में
या विदेश में ।
दूरी अधिक ,
निकटता कम।
सहकारिता
मित्रता का बल है,
संसार में एक अपूर्व काम है तो सुमित्र चुनना।
सच्चे मित्र की मित्रता
शुक्ल पक्ष के समान बढ़कर पूर्णिमा के समान
उज्ज्वलतम होगी।
बुरी मित्रता
कृष्ण पक्ष के समान बढ़कर
अंधकार में बदलेगा।
सच्चा मित्र कुमार्ग दिखाएगा।
मधु वाला जाने से रोकेगा।
नोट लेकर वोट
देने रोकेगा।
भ्रष्टाचार , रिश्वत पाप समझायेगा।
बुरों के संग में रहने न देगा।
तमिल कवि वल्लुवर ने कहा है ---
कमर से धोती के गिरने पर हाथ मान रक्षा के लिए फौरन रोकेगा ।
वैसे ही
सच्चा मित्र सहायता के लिए दौड़ आएगा।
मित्र वही है,जो सुख दुख में भाग लेते हैं।
आदर्श मित्र उसी को मिलेगा, जो भाग्यवान होता हैं।
सुदामा कृष्ण की मित्रता
अति आदर्श दिव्य शक्ति।
मित्र ही देवेन मनुष्य रूपेण का प्रत्यक्ष प्रमाण।
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