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Saturday, August 9, 2025

जीवन कैसे

 जीवन का संतुलन 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई,

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 जीवन का संतुलन 

 खुराक़ में संतुलित

   भोजन -सा ,

व्यवहार में संतुलन

 अति आवश्यक है।

परिमाण से ज़्यादा होने पर अमृत भी होगा विषय।।

 लोभ अति लोभ

 कभी न देता संतोष।

 काम को दबाना है,

 नहीं तो बदनाम होगा ही।

क्रोध भी संतुलित होना है।

 नव रर्सों के राजा श्रृंगार,

 वह नियंत्रण में न हो तो

इंद्र समान बदनाम होगा ही।

 भय असत्य काम से होना है, 

 भय जीवन की 

तरक्की में  बाधा।

कसरत भी संतुलित  होना है।

 जीवन असंतुलन होने पर

 मानसिक , शारीरिक, आर्थिक असंतुलन होगा ही।

 संतुलन जीवन में चाहिए,

 भोजन में, बोली में,

 व्यवहार में।

 अति प्रिय, अति संपत्ति।

 अहंकार  न देगा सुख।

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