राष्ट्रीय मित्रता दिवस
एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।
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राष्ट्रीय मित्रता दिवस
क्षेत्रीय नहीं,
स्थानीय मित्रों से मिल सकते हैं
मोबाइल आने के पहले
कलम दोस्ती।
आज अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर दोस्ती,
अंतर्जाल द्वारा।
हस्त दूरभाष द्वारा।
दूरस्थ मित्र,
निकटस्थ मित्र,
घनिष्ठ मित्र।
राष्ट्रीय स्तर पर मित्र।
रेलयात्रा के मित्र,
तीर्थ स्थान के मित्र।
इनमें घनिष्ठ मित्र ही
समय पर काम आएँगे
वे ही स्थानीय मित्र।।
राष्ट्रीय मित्रता मनोरंजन के लिए।
अंतर्जाल द्वारा बातें करने के लिए।
तमिल के विश्वविख्यात
हमारे प्रधानमंत्री सम्माननीय,
मोदीजी द्वारा विदेश में भी
तारीफ़ के पात्र बने,
संत तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल।
उसमें मित्रता संबंधित
दस तिरुक्कुरल यों है
उसका भावार्थ समझिए।
मित्रता जैसे अपूर्व कर्म
और कोई नहीं है,
उसके समान संरक्षक कोई नहीं है।
अच्छों की मित्रता कृष्ण पक्ष के बाद के चंद्रमा के समान
दिन दिन बढ़ता रहेगा।
पूर्ण चाँद बनेगा।।
बुरों की मित्रता शुक्ल पक्ष
चाँद के समान घटकर अंधकार बनेगा।
अच्छी मित्रता मधुर दिव्य ग्रंथ के समान मधुर रहेगी।
मित्रता केवल प्रेम
करने के लिए नहीं,
उनके बुरे कर्मो को देखकर
निंदा करने के लिए भी है।
अच्छी मित्रता केवल
घनिष्ठता में नहीं है,
विचारों की एकता में है।
मित्रता चेहरे की
मुस्कुराहट में नहीं ,
गहरे दिल से होनी चाहिए।।
सच्ची मित्रता दोस्तों के कष्ट के समय साथ देने में है।
कमर से धोती के गिरने पर
हाथ फ़ौरन उसे पकड़कर
मान बचाएगा।
वैसे ही सच्चा मित्र तुरंत मान की रक्षा करेगा।
सच्ची मित्रता में भेद भाव न रहेगा।
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