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Tuesday, August 5, 2025

बोली का महत्व शब्द शक्ति

 शब्द शक्ति 

एस.अनंतकृष्णन।

शब्द शक्ति न तो

 निरर्थक शब्दों से

 भावाभिव्यक्ति 

  असंभव।।

कल कल नदी बहती

 कल वर्षा होगी

 दोनों में  कल-कल 

 निरर्थक में भी आनंद।

 शब्द शक्ति 

अनुप्रास  में 

 श्लेष में 

 यमक में 

काक वक्रोक्ति में 

 उपमा में

 अलंकार के विभिन्न भेदों में  कितना महत्व।।

 व्याज स्तुति का 

अपना महत्व।

कठोर शब्दों से दुश्मनी,

 मधुर शब्दों में दोस्ती।

 बुद्ध की जीवनी में 

 अहंकारी अमीर  बुद्ध भिक्षू बना।

नानक के उपदेश से

 निर्दयी डाकू  दयालू बना।

 अंगुलिमाल डाकु बुद्ध भिक्षु बना।

 कामांध राजा जनता को भूल  अंतःपुर में ही

रहा तो  बिहिरी के दोहे ने

जागृति लायी।

नहिं परागु नहिं मधुर मधु, नहिं बिकासु इहिं काल।

अली कली ही सौं बंध्यौ, आगैं कौन हवाल॥

 यही शब्द शक्ति।

 कबीर का दोहा

 शब्द शक्ति पर ज़ोर देता है

 मधुर वचन है औषधी,कटुक वचन है तीर।

 तमिल के विश्वविख्यात कवि वल्लुवर ने कहा है,

 आग के जलन का गांव भर जाएगा,

 जीभ से निकले कठोर शब्द का गांव कभी न भरेगा।

मन में सदा चुभता रहेगा।

 



 





 



  



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