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Monday, August 11, 2025

कन्हैया

 भविष्य की आशा

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

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कहते हैं वर्तमान में 

कर्तव्य पर ध्यान देना।

 वर्तमान ठीक है तो

 भविष्य की आशा

 कभी निराश न होगा।

वर्तमान में शिक्षा,

 आगे अच्छी नौकरी।

 भविष्य रहेगा सुख मय।

 वर्तमान में प्राणायाम 

 कसरत  भविष्य में स्वस्थ।

 वर्तमान की भ्रष्टाचारी 

 भविष्य में दंड निश्चित।

 वर्तमान का दान-धर्म

 बदनाम भविष्य में 

  सुख धाम।

वर्तमान के परिश्रम,

 संपत्ति जोड़ना,

 भविष्य की आशा 

 बुढ़ापे में सुख सुविधा।

 भविष्य की आशा में

 वर्तमान में हवा महल।

 भविष्य को क्या देगी निराशा।

 भूत गया, भविष्य न जाने क्या होगा,

पर वर्तमान ही बचपन

 कला कौशल क्षमता 

 विकास करने का अवसर।

जवानी वर्तमान है

 कठोर मेहनत 

 संतान पालन 

 संपत्ति जोड़ने से

 भविष्य की आशा।

उज्ज्वलतम जान।

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