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Monday, August 4, 2025

धूम्रपान

 धूम्रपान निषेध।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

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तबीयत बिगड जाएगी,

 फेफड़ों की हानियां होंगी।

 विज्ञापन के साथ 

 बिक्री की अनुमति।।

 बस में,रेल में धूम्रपान मना है।

 फिर भी बिक्री की अनुमति।

 कारण सिगरट फेक्ट्री,

उसके मालिक,

 उसके कर्मचारी,

 उनके परिवार सबके 

जीविकोपार्जन के साधन।

 इतना ही नहीं ,

 उनको बेचनेवाले 

 फुटपाथ के व्यापारी से

बड़े या पारी तक की आमदनी का साधन।

यों ही मधुशाला,

 पीने से परिवार की हानियाँ,

 न पीने से सरकार की आमदनी में घाटा।

आमदनी के आधार पर

 जनता की तबीयत बिगाड़ने वाली

 नशीली वस्तुओं  की

 बिक्री,

 दूसरा तर्क है,

न अनुमति देने पर

 काले बाज़ार में 

 अवैध बिकेंगे।

 पुलिस और अन्य अधिकारी मालामाल बन जाएँगे।

 सरकार तो धूम्रपान मना है, विज्ञापन भी देती है।

 फिर भी पीते हैं,

धुएँ का मजा उड़ाते हैं तो

 दोष सरकार का नहीं,

 पियक्कड़ों का।

 एक पंखा संन्यासी 

 धूम्रपान करता तो

 उसके कान से,

नाक से,उसके कुत्ते से

 धुएँ आती।

 उनके भक्त और विश्वस्त सहयोगी द्वारा एक प्रदर्शनी।

 लोगों की भीड़।

 जय हो संन्यासी।

 भविष्यवाणी कहनेवाले,

 मंदिर देवता की खुश करने 

 भेंट चढाया करते।

 जय हो सरकार भी चुप,

 भक्ति में भावावेश।

पर धूम्रपान निषेध।

फेफड़ों की हानियाँ।

 सावधान।

Sunday, August 3, 2025

मित्रता

 राष्ट्रीय मित्रता दिवस

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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 राष्ट्रीय मित्रता दिवस 

 क्षेत्रीय नहीं,

स्थानीय मित्रों से मिल सकते हैं

मोबाइल आने के पहले

 कलम दोस्ती।

 आज अंतरराष्ट्रीय 

  स्तर पर दोस्ती,

 अंतर्जाल द्वारा।

 हस्त दूरभाष द्वारा।

दूरस्थ मित्र,

 निकटस्थ मित्र,

घनिष्ठ मित्र।

  राष्ट्रीय स्तर पर मित्र।

   रेलयात्रा के मित्र,

 तीर्थ स्थान के मित्र।

इनमें घनिष्ठ मित्र ही

 समय पर काम आएँगे

 वे  ही स्थानीय मित्र।।

 राष्ट्रीय मित्रता मनोरंजन के लिए।

अंतर्जाल द्वारा बातें करने के लिए।

 तमिल के विश्वविख्यात 

 हमारे प्रधानमंत्री  सम्माननीय,

 मोदीजी द्वारा विदेश में भी

 तारीफ़ के पात्र बने,

 संत तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल।

 उसमें मित्रता संबंधित 

 दस तिरुक्कुरल यों है

 उसका भावार्थ समझिए।

 मित्रता जैसे अपूर्व कर्म 

और कोई नहीं है,

 उसके समान संरक्षक कोई नहीं है।

अच्छों की मित्रता कृष्ण पक्ष के बाद के चंद्रमा के समान 

 दिन दिन बढ़ता रहेगा।

 पूर्ण चाँद बनेगा।।

बुरों की मित्रता शुक्ल पक्ष 

चाँद के समान घटकर अंधकार बनेगा।

अच्छी मित्रता मधुर दिव्य ग्रंथ  के समान मधुर रहेगी।

मित्रता केवल प्रेम 

करने के लिए नहीं,

 उनके बुरे कर्मो को देखकर 

‌निंदा करने के लिए भी है।

अच्छी मित्रता केवल

 घनिष्ठता में नहीं है, 

 विचारों की एकता में है।

 मित्रता चेहरे की 

मुस्कुराहट में नहीं ,

गहरे दिल से होनी चाहिए।।

सच्ची मित्रता दोस्तों के कष्ट के समय साथ देने में है।

 कमर से धोती  के गिरने पर

 हाथ फ़ौरन उसे पकड़कर 

 मान बचाएगा। 

वैसे ही सच्चा मित्र तुरंत मान की रक्षा करेगा।

सच्ची मित्रता में  भेद भाव न रहेगा।

 











 


स्वतंत्रता दिवस

 नमस्ते वणक्कम्।

स्वतंत्रता दिवस।



देश में हम स्वतंत्र है,

 स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं,

 इसका मतलब हम गुलाम थे।

गुलामी से आजा़द मिलना

 आसान नहीं।

 भारत भूमि सर्वसंपन्न भूमि,

 प्राकृतिक रक्षक चारों ओर।

 उत्तर में उत्तुंग शिखर के

 हिमालय, पूरब, दक्षिण, पश्चिम में सागर।

 जीव नदियाँ,

 न अनाजों की कमी,

 बारह मासों में

  सभी मौसमों का मज़ा।

ऐसे स्वर्ग भूमि जग में नहीं।

भारत को लूटने आये

 मंगोल, मुगल, फ्रांसीसी, अंग्रेज़ी, डच, ग्रीक

 ज्ञानार्जन के लिए आये 

 चीन से,

 नालंदा विश्वविद्यालय,

 दक्षशिला विश्वविद्यालय 

 ऋषि मुनियों की देव भूमि,

 वेद, उपनिषद, पुराण 

 देव भाषा संस्कृत ।

 पर विदेशी आक्रमणकारी,

 लुटेरे 

 हममें एकता न होने से

 आसानी  से‌ शासक बने।

 अंग्रेज़ी शासक 

व्यापारी बनकर आये,

 उनकी नीति से

 अब भी भारतीय चिंतन 

 भारतीय भाषाओं का महत्व

 भारतीयों में हीन।।

 आज़ादी हमने न पाया आसानी से।

 आज़ादी प्राप्त करने

 हजारों लोगों ने

 बहुत कष्ट सहा।।

तन,मन,धन त्यागे।

 फाँसी पर चढ़े।

 उन शहीदों की जीवनियाँ

 हमें पढ़नी चाहिए।

विदेशी कम,पर उनकी सेना में भारतीय अधिक।

 उनके चंद पैसों के लिए,

 पद के लिए,

 उपाधि के लिए 

 सब अंग्रेज़ी सीखने लगे।

भारतीय भाषाओं को

 ज्ञान शून्य समझने लगे।

 स्वतंत्रता संग्राम में 

 देश भक्तों को लाठियों का मार सहना पड़ा।

 जालियांवाला बाग में 

 जनरल टयर ने निर्दयता से

 देश भक्तों को गोलियों से भून डाला।।

 लाला लजपति राय,

बाल गंगाधर तिलक 

 सुभाषचन्द्र बोस 

 महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी,

पं.जवाहरलाल नेहरू

 चक्रवर्ती राजगोपालाचारी,

 कामराज,

 अल्लूरी सीतारामय्या

 वीरपांडिय कट्टबोम्मन,

झांसी रानी लक्ष्मीबाई 

 चित्तूर रानी चिन्नम्मा

 चंद्रशेखर आजाद,

 भगतसिंह 

 सुखदेव सिंह,

 कितने बड़े त्यागी,

 आज़ादी की लड़ाई में 

 कष्ट सहे, जेल गये

छद्म वेश में छिपकर रहे।

 परिवार त्यागा,

जेल में  कोल्हू खींचे।

 उन शहीदों की जीवनियाँ

 युवकों को पढ़नी चाहिए।

 देश की एकता 

बनाए रखनी चाहिए।

 राष्ट्रीय शिक्षा,

 राष्ट्रीय भाषाओं पर

 ध्यान देना चाहिए।।

 भारतीय कलाओं  को

 सीखना चाहिए।

 भारतीय संस्कृति, आचार विचार  पर गर्व करना चाहिए।

 हममें एकता सुदृढ़ होनी चाहिए।

 जय भारत। जय हिन्दी, जय भारत की भाषाएँ।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी  प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

समुद्र खोज

 समुद्र मंथन

 एस. अनंतकृष्णन।

 मंथन का अर्थ खोजें 

 अनुशीलन अनुसंधान अन्वेषण।

 समुद्र मंथन देव -असुर

 की कहानी सर्व विदित है।

आधुनिक काल में समुद्र मंथन  नयी खोज।

 प्राचीन पौराणिक कथाओं के सत्य प्रमाण।

 समुद्र प्रकोप से डूबे शहर।

 डूबे मंदिरों के अवशेष।

 डूबे जहाजों के अवशेष।

 ढेर सारे स्वर्ण भरे जहाज।

 ऐतिहासिक प्रमाण सत्य।

 द्वारका पुरी का अवशेष।

 आसेतु हिमाचल में

 राम सेतु का प्रमाण।

 गोताखोरों का मोती बटोरना।

 रंग-बिरंगी मछलियों का पता।

 चमकती  विभिन्न जीवों का पता।

 दायरे फेर शंख

 बहू मूल्य शंखों का पता।

 समुद्र मंथन में कितने अद्भुत  वस्तुओं और जंतुओं का पता।

 गिरे विमानों के अवशेष।

 आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान 

 समुद्र मंथन में अपूर्व कला।

 कूर्मावतार भी समुद्र मंथन ।

 कितने अमूल्य रत्नों का पता चला।

 अमृत भरा समुद्र ,

 विष भरा समुद्र।

 आदमखोर भयंकर मगर मच्छ।

   द्वि दारु मछली तेल।

 समुद्र मंथन से बहुमूल्य वस्तुएँ।

 नये नये द्वीपों का पता।

 समुद्र मंथन अति उपयोगी।

Sunday, July 27, 2025

बरसात का हर्षोल्लास

 बारीश का आनंद 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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 बारीश का आनंद,

 सूखी भूमि में 

 भीगी धरती।

 सूखे नदी, तालाब,कुएँ

 झील, जलप्रपात में 

भरे पानी,

 बाँध भरकर  ज़ोर  की 

  जल धारा ।

 प्राकृतिक सुंदरता।

 अति प्राकृतिक क्रोध हो 

 तो आनंद प्रद से  दुख प्रद। ।

 हरे भरे पेड़ पौधे,

 हरे पत्ते पत्तियां 

 विभिन्न पक्षी कीड़े मकोड़ों के आगमन।

 पानी भरे सड़क पर

 बच्चों का खेलना।

 कागज़ का नाव नाव बनाकर बच्चों में  होड़।

 कितना आनंद।

 कभी कभी 

झीलों का पानी

 मछली के साथ 

 सड़क पर बहना।

 मछली पकड़ कर आनंद

 बारिश का आनंद 

 न मानव के लिए,

पशु पक्षी पतंगों का आनंद।

 साँप का आगमन,

 संपेरों का आनंद।

 घर के आसपास 

 पानी के ठहरने से

 मेंढकों का टर टर

 मेंढकी के निमंत्रण 

 उनका अपना आनंद।

 मोर का नाचना,

 मोरनी का आकर्षण 

 उनका अपना प्राकृतिक आनंद।।

 बारिश का आनंद में 

 किसानों का जीवानंद।।

 समृद्ध भूमि, साल पर का

 आनंद उल्लास।

 काले बादल का उमड़ना।

 वज्र का भयंकर गिरना,

 बिजली की चमक,

 इंद्रधनुष सतरंगी छटा,

 बारिश का आनंद 

 प्रकृति का खिलना।

 अति कोलाहल

 वर्षा न तो

 सूखी भूमि अकाल ही।

  अतिवृष्टि अनावृऊ के बिना,

 पर्याप्त पानी बरसने 

 वर्ण भगवान से प्रार्थना।।

वर्षा मानव जीवन में 

 प्यार की वर्षा,

 धन की वर्षा।

 कनक धारा।

 हर्षोल्लास की वर्षा।

 आनंद है वर्णनातीत।


 

 


 




 




Friday, July 25, 2025

कुशल है न?

 नमस्ते वणक्कम्।


 नलमा? कुशल है न?

 खुदा के रहम से कुशल हूँ।

वरिष्ठता में  वरिष्ठ कवियों के 

 कवि मंच में   भाग लेने

श्रोता बनने   बहुत कुछ सुनने

 कुछ मन की बात सुनाने

 पल-पल ज्ञानार्जन प्राप्त करने

 अपनी जिज्ञासा शांत करने

 भगवान की कृपा से कुशल हूँ।

 ईश्वर के अनुग्रह से कुशल हूँ।

 दया सागर,

 करुणानिधि,

 रहम दिली

 भक्तवत्सल

 ईश्वर की कृपादृष्टि 

 पड़ने से कुशल हूँ।

 न मन,

 न राग-द्वेष 

 न भेद दृष्टि,

 आत्मज्ञान 

 आत्मविश्वास 

 आत्माभिमान 

 के कारण 

 निराकार,

 परम ज्योति स्वरूप 

 ईश्वर की वंदना से

 सकुशल हूँ।

भगवान पर भरोसा रखकर कुशल हूँ।

 सबके कल्याण की 

 शुभकामना करते हुए कुशल हूँ।

 खुल्लमखुल्ला बोलने से

 कुशल हूँ।

 मेरा हृदय साफ,

 स्पष्ट बोलता हूँ,

 खुला ग्रंथ मेरा जीवन।

 पल पल कष्ट सहा,

 पल पल सुख भोगा।

 ईश्वर मेरे मन में धुन में 

 मैं कुशल हूँ।

Wednesday, July 23, 2025

तमिऴ् हिंदी सेवा

 [24/07, 9:08 am] sanantha.50@gmail.com: तमिऴ हिंदी सेवा।

 தமிழ் ஹிந்தி பணி.

 சே. அனந்த கிருஷ்ணன்.

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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आज --इन्ऱु=இன்று 

 आज कौन  दिन है =इन्ऱु ऍन्न किऴमै। =இன்று என்ன கிழமை.

 कल कौन दिन था =नेट्रु ऍन्न किऴमै?

 

 कल कौन दिन है =नाळै ऍन्न किऴमै?


 परसों= नेट्रैय मुन दिनम्।/मुंदानाळ्

Day before yesterday 


परसों =day after tomorrow.

नाळैय मरुदिनम्।


 परसों राम आये != मुंदानाळ् रामन वंदावन।


 परसों कृष्ण आएगा।

नाळैय यऱुदिनम्  कृष्णन वरुवान।

  कल और परसों के लिए तमिऴ् में दो शब्द है।

 ध्यान रखना।

[24/07, 9:17 am] sanantha.50@gmail.com: नमस्ते वणक्कम्।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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दुआ सदा भारत में 

 सर्वे जना सुखिनो भवन्तु।

वसुधैव कुटुंबकम्।

 जय जगत।

 जिओ जीने दो।

 जगत मिथ्या ब्रह्म सत्यमेव जयते।

 अहिंसा परमो धर्मः।

 ऋषियों और मुनियों ने की सीख।

 चरित्र गठन ही श्रेष्ठ धर्म।।

धन गया तो कुछ न गया।

स्वास्थ्य गया तो कुछ गया।

 चरित्र गया तो सब कुछ गया।।