नमस्ते वणक्कम्।
नलमा? कुशल है न?
खुदा के रहम से कुशल हूँ।
वरिष्ठता में वरिष्ठ कवियों के
कवि मंच में भाग लेने
श्रोता बनने बहुत कुछ सुनने
कुछ मन की बात सुनाने
पल-पल ज्ञानार्जन प्राप्त करने
अपनी जिज्ञासा शांत करने
भगवान की कृपा से कुशल हूँ।
ईश्वर के अनुग्रह से कुशल हूँ।
दया सागर,
करुणानिधि,
रहम दिली
भक्तवत्सल
ईश्वर की कृपादृष्टि
पड़ने से कुशल हूँ।
न मन,
न राग-द्वेष
न भेद दृष्टि,
आत्मज्ञान
आत्मविश्वास
आत्माभिमान
के कारण
निराकार,
परम ज्योति स्वरूप
ईश्वर की वंदना से
सकुशल हूँ।
भगवान पर भरोसा रखकर कुशल हूँ।
सबके कल्याण की
शुभकामना करते हुए कुशल हूँ।
खुल्लमखुल्ला बोलने से
कुशल हूँ।
मेरा हृदय साफ,
स्पष्ट बोलता हूँ,
खुला ग्रंथ मेरा जीवन।
पल पल कष्ट सहा,
पल पल सुख भोगा।
ईश्वर मेरे मन में धुन में
मैं कुशल हूँ।
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