बारीश की बूंदें
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।
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भूमि सूख गयी तो
मानव,पशु,पक्षी, वनस्पति जगत
सब सूख जाएँगे।
खेती नष्ट हो जाएगी।
वर्ण भगवान की कृपा से
मौसमी वर्षा।।
वर्षा की बूंदें
मिट्टी में संगम।
मिट्टी में संगम
तालाब, झील में पानी।
कुएँ,बोरवेल में पानी।
बूंद बूंद से सागर बनता।
लघु बूँदें भारी बाढ़।।
न वर्षा की बूंदें,
न संसार समृद्धि।
न फूल-फल-हरियाली।
भूतल पानी व
नदी-नालों के पानी को
प्रदूषण से बचाना
नागरिक और सरकार का प्रथम कर्तव्य है।।
वर्षा की बूंदों से
खेलना, नहाना आनंदप्रद।।
वरुण भगवान की
कृपा मौसम के अनुसार
होने शुभकामनाएं।।
वर्षा की बूंदें जीवनप्रद।
जगत कल्याण के लिए अति आवश्यक।।
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