नमस्ते। वणक्कम्।
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अपना भारत सुंदर भारत।
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भारत भूमि अति प्राचीन भूमि ।
ज्ञान भूमि, चरित्र गठन की भूमि,
त्याग की भूमि, ऋषि-मुनियों की भूमि।
न मजहबी द्वेष, शांति चाहक।
आ सेतु हिमाचल की वास्तुकला अति अद्भुत।
आध्यात्मिक विचार धारा के भेद
मिटानेवाले रामेश्वर,काशी।
राम, राम, शिव शिव नाम जब
अगजग की एकता की गूँज।
अपने अपने देश ,अपने अपने मजहब की
स्वार्थता मिटाने का नारा
वसुधैव कुटुंबकम् का नारा,
सर्वे जना सुखिनो भवन्तु का मंत्र
कभी न सूखने वाली जीव नदियाँ
हरियाली बनायी रखती है।
विविधता प्रकृति के कारण।
विविधता पोशाक में,
विविधता भाषाओं में
पाँच कोषों पर पानी बदले,
बीस कोस पर पानी।
पर एकता देती है
आध्यात्मिकता।
शिव नाम, राम नाम,
त्रिदेवियों के नाम
सरस्वती, लक्ष्मी, सरस्वती
विचारों की एकता,
भाईचारा, देश प्रेम
भारतीय एकता के मूल में।
विश्व के आदर्श गीत
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं
भाई भाई, नझगडाना कोई लड़ाई।
सहनशीलता विश्व बंधुता का आदर्श मार्ग।
वास्तुकला में, अर्थ शास्त्र में, चिकित्सा में
आदर्श है भारत भूमि।
जय भारत, जय हिन्दी। जय भारतीय भाषाएँ।
भारत भूमि ज्ञान भूमि।
भारत भूमि वीर
धीरों की भूमि।
जीव नदियों से समृद्ध भूमि।
त्यागियों की भूमि।
सादा जीवन उच्च विचार।
ऋषि मुनि रहते थे
पर्ण कुटीर में।
वीर राजा के सेनापति
वे वीर थे, ज्ञानी थे।
तत्कालीन परिस्थितियों के अनुकूल जिसका खाना,उसका गाना
वीर सेनापति के उद्देश्य।
मुगल आए,
भक्ति के विचार में
सोच में भिन्नता।
निर्गुण सगुण भक्ति।
निराश्रित कवि ईश्वर के
यशोगान गाते।
विविधता में एकता,
आध्यात्मिक एकता।
कैलाश उत्तर में और पलनी सुदूर दक्षिण में
यही एकता का प्रमाण।
काशी उत्तर में, रामेश्वर दक्षिण में।
शिशु वैष्णव सांप्रदायिक एकता का प्रतीक।
रामायण महाभारत
दोनों भारतीय प्रांतीय भाषाओं में एकता का अस्तित्व।
जीव नदियों की धारा।
ग्रीष्म वासस्थल ,
गर्मी में सर्दी,सर्दी में गर्मी
दोनों के अनुभव
एक ही समय में
ऐसा कोई फल नहीं,
ऐसा कोई अनाज नहीं
जो भारत में न मिलता हो।
कश्मीर के झील,
पहाड़ों के जलप्रपात,
गगन चुंबी कंचनजंगा
वेद, उपनिषद, पुराण,
स्वास्थ्य वृद्धि के लिए,
जड़ी बूटियाँ,
चाणक्य का अर्थ शास्त्र,
भारत भूमि ज्ञान भूमि,
भारत भूमि समृद्ध भूमि
भारत का झंडा तिरंगा।
त्याग का, शांति का, हरियाली का प्रतीक।
सारे जहां से अच्छा
भारत देश हमारा।
राम, कृष्ण की जन्म भूमि,
राग द्वेष रहित भूमि।
भारत भूमि मेरी प्यारी भूमि।
प्राकृतिक सुंदरता में अनूठी।
सहनशीलता में अनुपम।
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना
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