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Tuesday, July 8, 2025

ललकार -चुनौती

 जीवन की चुनौतियाँ

एस. अनंतकृष्णन 

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 जीवन 

 जन्म और मरण के

 बीच का समय।

 इस समय में मानव 

 अपने स्वाभिमान जिंदगी के लिए चुनौतियों का सामना करता है।

बचपन से ही धनी,

बचपन से ही ग़रीबी,

 धनी की चुनौती 

 अपनी प्रतिष्ठा  कम न होने देना।

 ग़रीबी की चुनौती 

 रोज़ी रोटी कमाना।

बचपन से की चुनौती 

 बालक बन की चुनौती।

जवानी की चुनौती 

 नौकरी की चुनौतियाँ।

पद, पदोन्नति, 

 वैवाहिक जीवन।

 परिवार की रक्षा,

स्वास्थ्य की रक्षा।

संतान पालन,

गृहस्थ जीवन 

 उम्र का बढ़ना

 प्रौढ़ावस्था,

 बुढापा।

 हर स्थिति में 

 चुनौतियाँ।

 शिक्षा, परीक्षा,

 अनुभव ज्ञान,

 सज्जन का सुमार्गदर्शन।

 दुर्जनों का  संताप।

 प्राकृतिक प्रकोप ‍।

 उम्र बढ़ते बढ़ते 

 अंग, प्रत्यंग,उपांग की

 शिथिलता, साध्य असाध्य रोग।

सुशासन कुशासन की समस्या।

 महँगाई की समस्या,

 प्रेम, विश्वासघातियों की चुनौती।

जिंदगी कुछ भी नहीं,

रोना,हँसना, जीना ,मरना।

 चुनौती ही चुनौती।

बढ़ी चुनौती स्वास्थ्य और

 आर्थिक चुनौतियाँ।

 शिक्षा माध्यम की चुनौतयाँ।

 मातृभाषा माध्यम,

 उच्च शिक्षा में अंग्रेज़ी माध्यम।

 शिक्षा का बोझ।

  कदम कदम पर समस्याएँ।

 रिश्वत, भ्रष्टाचार, चुनाव 

 30%मतदाता वोट नहीं देते।

 40% वोट लेकर शासक बनते।

 30%विपक्षी दल।

अल्पसंख्यकों का शासन।

ठेकेदार की मज़ा।

 कच्ची सडकें

 पानी की तंगी।

 भारत भर में 

फुटपाथ वासियों की चुनौतियाँ।

भक्ति की परेशानियाँ।

 निर्गुण सगुण।

जाति भेद, मजहब भेद

 संप्रदाय भेद।

 प्रदूषण की समस्याएँ।

 विचार प्रदूषण।

 प्रांतीय दलों का विकास।

राष्ट्र भाषा, राजभाषा की समस्याएँ।

 राष्ट्रीय शिक्षा की चुनौतियाँ।

  कदम कदम पर चुनौतियाँ मानव जीवन में।

 वैष्णव धर्म में दक्षिण कला, उत्तर कला की चुनौतियाँ।

 हर साल गणेशजी  जुलूस में भय भीतर जनता।

 पुलिस की परेशानी।

 आतंकवादी की चुनौती 

 नक्सलैटों की चुनौती।

 थोड़े में कहें तो चुनौती ही चुनौती मानव जीवन में।

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