बारीश का आनंद
एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु
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बारीश का आनंद,
सूखी भूमि में
भीगी धरती।
सूखे नदी, तालाब,कुएँ
झील, जलप्रपात में
भरे पानी,
बाँध भरकर ज़ोर की
जल धारा ।
प्राकृतिक सुंदरता।
अति प्राकृतिक क्रोध हो
तो आनंद प्रद से दुख प्रद। ।
हरे भरे पेड़ पौधे,
हरे पत्ते पत्तियां
विभिन्न पक्षी कीड़े मकोड़ों के आगमन।
पानी भरे सड़क पर
बच्चों का खेलना।
कागज़ का नाव नाव बनाकर बच्चों में होड़।
कितना आनंद।
कभी कभी
झीलों का पानी
मछली के साथ
सड़क पर बहना।
मछली पकड़ कर आनंद
बारिश का आनंद
न मानव के लिए,
पशु पक्षी पतंगों का आनंद।
साँप का आगमन,
संपेरों का आनंद।
घर के आसपास
पानी के ठहरने से
मेंढकों का टर टर
मेंढकी के निमंत्रण
उनका अपना आनंद।
मोर का नाचना,
मोरनी का आकर्षण
उनका अपना प्राकृतिक आनंद।।
बारिश का आनंद में
किसानों का जीवानंद।।
समृद्ध भूमि, साल पर का
आनंद उल्लास।
काले बादल का उमड़ना।
वज्र का भयंकर गिरना,
बिजली की चमक,
इंद्रधनुष सतरंगी छटा,
बारिश का आनंद
प्रकृति का खिलना।
अति कोलाहल
वर्षा न तो
सूखी भूमि अकाल ही।
अतिवृष्टि अनावृऊ के बिना,
पर्याप्त पानी बरसने
वर्ण भगवान से प्रार्थना।।
वर्षा मानव जीवन में
प्यार की वर्षा,
धन की वर्षा।
कनक धारा।
हर्षोल्लास की वर्षा।
आनंद है वर्णनातीत।
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