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Wednesday, September 10, 2025

मध्य निषेद

 नशा मुक्त भारत।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक 

११-९-२५.

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नशा मुक्त भारत 

 संभव है क्या?

 केवल नशीली वस्तुओं 

का नशा ही नशा नहीं।

वह तो व्यक्तिगत नशा

 उसको और उसके कुटुंब को नाश करता है।

पर सरकार को,

 शराब कारखाने के मालिक को, नौकरों को

दूकान दारों को

कितना लाभ प्रद है सोचिए।

दूसरे प्रकार की नशा

वेश्यागमन लाल दीप क्षेत्र।

तीसरे प्रकार की नशा अहंकार, काम क्रोध मंद लोभ।

चौथी नशा  देशोन्नति के बाधक।

भ्रष्टाचार और रिश्वत खोर।

सरकारी योजनाओं को 

 पूरा न करके रसीद बनाना।

न्याय का गला घोंटने रिश्वत लेना

ये नशाएँ  समाज को

 राष्ट्र को   व्यक्तिगत  जीवन को नाश कर देता है।

 नशा मुक्त भारत कैसे?

 चित्रपट पियक्कड़ को

 कथा नायक बनाता है।

 कालेज प्रोफेसर जो

पियक्कड़ है,

वह छात्रों के प्रिय बनता है।

ये राजनैतिक नेता बनते हैं।

लोक प्रिय कथा नायक पियक्कड़। धूम्रपान के कलाकार, उसके अनुचर भी वैसे।

 नशा मुक्त भारत 

व्यक्तिगत अनुशासन में है।

सोसियल मीडिया इनके साथ नहीं।

सरकार आमदनी के लिए 

 दूकान खोलती है।

 पियक्कड़ कहता है,

 मेरे न पीने पर सरकार दिवाला।

आज महिलाएं भी पीती है।

चिंता दूर करने,

खुशियाँ मनाने 

 पियक्कड़ पार्टी।

 दीपावली के दिन 

 हर साल लाखों करोड़ों की कमाई सरकार को।

वह प्रोत्साहित करती है।

यथा शासक तथा प्रजा।


 


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