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Wednesday, September 24, 2025

कर्मफल

 कर्मफल

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एस.अनंतकृष्णन

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कर्म  

सुकर्म, कुकर्म।

पुण्यकर्म, पाप कर्म।

 कर्म  फल के अनुसार 

 पुरस्कार, दंड।

इसमें पूर्वजन्म कर्मफल।

बड़ों के पुण्य पाप का कर्मफल।

दादा दादी, 

माता-पिता का कर्मफल।

तटस्थता रहित कर्मफल।

अमीर घर में जन्म

 ग़रीब घर में जन्म।

 ज्ञानी होना,

 अज्ञानी होना,

स्वस्थ होना

रोगी होना,

 साध्य रोगी,

 असाध्या रोगी,

 सुंदर रूप,

 अपाहिज 

 गूँगा,बहरा, 

अंधा, अष्टावक्र 

रूप कुरूप होना

 सज्जन होना,

 दुर्जन होना,

 व्यापार में लाभ 

व्यापार में नष्ट,

  सरकारी नौकरी 

 अपराध करके बच जाना,

निरपराध को दंड मिलना 

 दुर्घटनाएँ,

 माता-पिता खोना,

 अनाथालय में पलना,

 पद पाना,

‍पदोन्नति होना,

 जेल जाना,

 सरकारी दंड पाना 

 कर्म फल ही है।

 जन्म लेने के पहले ही

 सिरों रेखा लिखकर 

 हुआ है, मानव जन्म।

  भाग्य का खेल,

 अपना अपना भाग्य 

 कर्म फल ही आधार।

 सबहीं नचावत राम गोसाईं।।

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