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Monday, December 1, 2025

मेहंदी

 मेहंदी 

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एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

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2-12-25.

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दैनिक चुनौती आजका शीर्षक है मेहंदी।

  मेहंदी  का अपना

   आध्यात्मिक महत्व है।

 मेहरौली का अपना 

  वैज्ञानिक महत्व है।

 आध्यात्मिकता के आधार पर वह महालक्ष्मी का अंश है।

मंगल दायिनी है।

वह कीटनाशिनी है।

 मेहंदी लगाने से

 शारीरिक उष्णता कम होती है।

स्त्रियों के मासिक धर्म

आरामदायक होता है।

वैवाहिक दिन में 

 मरुदानी लगाने से 

 हाथ और उंगलियों की 

 सुंदरता बढ़ती है।

 महालक्ष्मी का अंश

   होने से सर्वश्रेष्ठ है

 मेहंदी लगाना।

 मिस्र देश में,

  अरब देशों में 

 पाकिस्तान में 

 मेहंदी का अलग मेला है।

  सनातन धर्मियों के अनुसार  

 मंगलकारिणी,

 रोग निवारणी,

पैर के टीले मिटानेवाले 

 मेहंदी महीने में 

 दो बार स्त्रयाँ लगाना

 आध्यात्मिक ,

 शारीरिक 

 आर्थिक संपन्नता के लिए 

अति लाभकारी है।

 मेहंदी लगाने का धंधा भी हैं।

 मेहंदी अलंकार के साधन है।

 मेहंदी डिजाइन की पुस्तकें भी प्रकाशित है।

 अतः मेहंदी 

आय का भी साधन है। 

ईश्वरीय वरदान है मेहंदी।


मेहंदी से संबंधित कुछ मुहावरे हैं "पैरों में मेहंदी लगाकर बैठना" जिसका अर्थ है आलस्य या लाचारीवश घर में पड़े रहना, "हाथ में मेहंदी लगी होना" जिसका अर्थ है किसी काम में असमर्थ होना, और "पाँव की मेहंदी छूट जाना" जिसका अर्थ है हर्ज होना या नुकसान होना।