परस्पर. शौक /अन्योन्य प्रेम --पास्परिक. शौक - /इच्छा- काम-तिरुक्कुरल -१२६१ से १२७०.
१. प्रेयसी विरह वेदना में तडपती हुई. कहती है कि प्रेमी की प्रतीक्षा करते करते आँखें थक गई हैं. उनके आने के दिन के इंतजार. में हर दिन जो निशाना बनाती थी उनको गिन गिनकर उंगलियाँ थक गईं.
२. प्रेयसी अपने सखी से कहती है कि मैं अपने प्रेमी की याद खो देती तो मेरे अंग और शिथिल हो जाते और मेरे हाथ और. दुबली -पतली हो जाते और चूडियाँ गिर जातीं.
३. प्रेयसी कहती हैं कि मैं इसलिए जिंदा हूँ कि मेरे प्रेमी साहसी हैं और विजय ही उनका लक्षय है. आशा है जरूर एक. दिन वापस. आएँगे.
४. मेरे प्रेमी के साथ सानंद बीते उन दिनों की यादों में मेरा दिल पेड कीं ऊँची डाल पर चढकर उनका रास्ता देख. रहा है.
५. मेरे प्रेमी के दर्शन के बाद ही मेरे फीके शरीर में और हाथों में तेजस आएगा.
६. मेरे प्रेमी जो मुझे विरह वेदना में तडपाकर गये , वे जरूर एक. दिन आएँगे ही. तब मैं पूर्ण आनंद का अनुभव करूँगा.
७. प्रेयसी सोचती है कि कई. दिनों के बाद मेरे नयन तारे प्रेमी आएँगे तो पता नहीं ,उनसे रूठूँगी या प्रेम में लग जाऊँगी या दोनों करूँगी.
८. प्रेमी सोचता है कि राजा युद्ध में जीतेंगे तो कई दिनों के बाद प्रेयसी से मिलूँगी और मिलन सुख. का अनुभव करूँगी.
९. विरह वेदना की प्रेयसी को एक दिन भी सातदिन सा लगेगा.
१०. असह्य वेदना के कारण दिल टूट जाएगा तो उनके आने से , मिलन सुख देने से देने से या संग रहने से क्या लाभ होगा ? नहीं, दिल. तो टूट गया है न ?
१. प्रेयसी विरह वेदना में तडपती हुई. कहती है कि प्रेमी की प्रतीक्षा करते करते आँखें थक गई हैं. उनके आने के दिन के इंतजार. में हर दिन जो निशाना बनाती थी उनको गिन गिनकर उंगलियाँ थक गईं.
२. प्रेयसी अपने सखी से कहती है कि मैं अपने प्रेमी की याद खो देती तो मेरे अंग और शिथिल हो जाते और मेरे हाथ और. दुबली -पतली हो जाते और चूडियाँ गिर जातीं.
३. प्रेयसी कहती हैं कि मैं इसलिए जिंदा हूँ कि मेरे प्रेमी साहसी हैं और विजय ही उनका लक्षय है. आशा है जरूर एक. दिन वापस. आएँगे.
४. मेरे प्रेमी के साथ सानंद बीते उन दिनों की यादों में मेरा दिल पेड कीं ऊँची डाल पर चढकर उनका रास्ता देख. रहा है.
५. मेरे प्रेमी के दर्शन के बाद ही मेरे फीके शरीर में और हाथों में तेजस आएगा.
६. मेरे प्रेमी जो मुझे विरह वेदना में तडपाकर गये , वे जरूर एक. दिन आएँगे ही. तब मैं पूर्ण आनंद का अनुभव करूँगा.
७. प्रेयसी सोचती है कि कई. दिनों के बाद मेरे नयन तारे प्रेमी आएँगे तो पता नहीं ,उनसे रूठूँगी या प्रेम में लग जाऊँगी या दोनों करूँगी.
८. प्रेमी सोचता है कि राजा युद्ध में जीतेंगे तो कई दिनों के बाद प्रेयसी से मिलूँगी और मिलन सुख. का अनुभव करूँगी.
९. विरह वेदना की प्रेयसी को एक दिन भी सातदिन सा लगेगा.
१०. असह्य वेदना के कारण दिल टूट जाएगा तो उनके आने से , मिलन सुख देने से देने से या संग रहने से क्या लाभ होगा ? नहीं, दिल. तो टूट गया है न ?
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