Monday, December 25, 2017

अंधकार से प्रकाश

मनुष्य  माँ के गर्भ के अंधकार में
सूक्ष्म  बिंदु में जुडकर
 तम में पलता
दस महीने में
प्रकाश में आता .
फिर जीने के लिए
 ग्ञानांधकार से
छूट संसार को पहचाना.
 तभी
अंधे कानून, अंधे हिसाब, सब में
अमीरों को विजयांधकार,
ममकार अंधकार,
प्रेमांध,  कितने  अंधकार से
मनुष्य को प्रकाश   की ओर
लाना  कितना आसान,
 कितना मुश्किल .
जनतंत्र अंधकार,
 मत केलिए धन.
धनांधकार,
 पदांधकार,
अधिकारांधकार,
इन सब से छूटने पर
सच्चे भक्तों के दर्शन में
ज्योति स्वरूप  ईश्वर के
योग ग्ञान
ब्रह्मानंद  प्रकाश.

प्रह्लाद सूरज के प्रकाश
हरियाली तन मन में.
अंकुर के फूटना भी भूमि
गर्भ के अंधकार से,.

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