पंच परमेश्वर होता तो
भारत में रातनीतिग्ञो में
अधिकांश लोग जेल में रहते.
अधिकांश चुनाव लड़ने
अयोग्य हो जाते.
बलात्कारी आश्रम आचार्यों के पक्ष में
कोई आवाज या नारा न लगाता.
राष्ट्रगीत राष्ट्रगान राष्ट्रीय झंडे के
विपक्ष कोई मुँह न खौलता.
पंद्रह मिनट में तमाम हिंदुओं का
काम तमाम करने की बात न करता.
फिर सांसद बन संसद में आवाज नहीं उठाता.
भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी अधिकारी
तरक्की नहीं पाता.
कहानी में हरिश्चंद्र का मृत पुत्र
भले ही ज़िंदा सकता.
नमक की दारोगा सत्य पर न जीता.
न्यायाधीश उसका दंड न देता.
ऊपरी आमदनी भगवान देता.
ऐसी नौकरी तलाश कर जिससे
ऊपरी आमदनी मिलें ऐसे
उपदेश न देता.( स्वरचित अनंतकृष्णन )
भारत में रातनीतिग्ञो में
अधिकांश लोग जेल में रहते.
अधिकांश चुनाव लड़ने
अयोग्य हो जाते.
बलात्कारी आश्रम आचार्यों के पक्ष में
कोई आवाज या नारा न लगाता.
राष्ट्रगीत राष्ट्रगान राष्ट्रीय झंडे के
विपक्ष कोई मुँह न खौलता.
पंद्रह मिनट में तमाम हिंदुओं का
काम तमाम करने की बात न करता.
फिर सांसद बन संसद में आवाज नहीं उठाता.
भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी अधिकारी
तरक्की नहीं पाता.
कहानी में हरिश्चंद्र का मृत पुत्र
भले ही ज़िंदा सकता.
नमक की दारोगा सत्य पर न जीता.
न्यायाधीश उसका दंड न देता.
ऊपरी आमदनी भगवान देता.
ऐसी नौकरी तलाश कर जिससे
ऊपरी आमदनी मिलें ऐसे
उपदेश न देता.( स्वरचित अनंतकृष्णन )
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