ramkri
Tuesday, December 5, 2017
मृत्यु निश्चित
मनमाना ढंग से
रुपये जोड
मान खोकर भी
नेता या नेत्री बन
पैसे के लिए
मल खानेवाले भीड.
खुद न भोगते,
बेकार पैसे
निर्दयी लोग
न्याय के पक्ष नहीं
मजबूत
मजबूर.
चंद पैसे के लिए
भ्रष्टाचारी को सलाम.
क्यों भूल जाते,या
भय नहीं खाते
मृत्यु निश्चित.
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