तमिल साहित्य भक्ति का सागर ही है.
तमिल में आंडाल नारायण की भक्ता थी.
भगवान को ही अपने पति
मानकर प्रार्थना करती थी.
भगवान की माला को ,
भगवान को पहनाने के पहले
खुद पहनती थी ;
अतः उसका नाम सूडिक्कोडुत्त
नाच्चियार बना. (अर्थात खुद माला पहनकर
ईश्वर को देनेवाली ) .
मार्गशीर्ष अर्थात धनुर मॉस के ठण्ड में
अपनी सखियों को जगाने अति तडके गाना गाती है.
उसके पदों को तिरुप्पावै कहते हैं.
कुल तीस पद्य हैं.
१. सुन्दर आभूषणों से सज्जित कन्याओं!
प्रसिद्ध व्रज-भूमि की लड़कियों !
मार्ग शीर्ष महीने के आज
पूर्णिमा के दिन है .
अब हम नहाने जायेंगे,
हमारे रक्षक है नंदगोपन ,
जो तेज़ शूल से हमारी रक्षा
करते हैं और
सुन्दर नेत्रों वाली यशोधरा .
उन दोनों के सिंह जैसा बेटा,
जिसका रंग काला है , आँखें लाल है ,
सूर्य - सा उज्जवल सूरत वाला है--
श्री कृष्ण ,
हमपर
अनुग्रह करने की प्रतीक्षा में हैं.
उसका यशोगान करेंगे तो
यह संसार ही हमें बधाइयां देंगी .
की प्रतीक्षा में हैं.
उसका यशोगान करेंगे तो
यह संसार ही हमें बधाइयां देंगी . .
तमिल में आंडाल नारायण की भक्ता थी.
भगवान को ही अपने पति
मानकर प्रार्थना करती थी.
भगवान की माला को ,
भगवान को पहनाने के पहले
खुद पहनती थी ;
अतः उसका नाम सूडिक्कोडुत्त
नाच्चियार बना. (अर्थात खुद माला पहनकर
ईश्वर को देनेवाली ) .
मार्गशीर्ष अर्थात धनुर मॉस के ठण्ड में
अपनी सखियों को जगाने अति तडके गाना गाती है.
उसके पदों को तिरुप्पावै कहते हैं.
कुल तीस पद्य हैं.
१. सुन्दर आभूषणों से सज्जित कन्याओं!
प्रसिद्ध व्रज-भूमि की लड़कियों !
मार्ग शीर्ष महीने के आज
पूर्णिमा के दिन है .
अब हम नहाने जायेंगे,
हमारे रक्षक है नंदगोपन ,
जो तेज़ शूल से हमारी रक्षा
करते हैं और
सुन्दर नेत्रों वाली यशोधरा .
उन दोनों के सिंह जैसा बेटा,
जिसका रंग काला है , आँखें लाल है ,
सूर्य - सा उज्जवल सूरत वाला है--
श्री कृष्ण ,
हमपर
अनुग्रह करने की प्रतीक्षा में हैं.
उसका यशोगान करेंगे तो
यह संसार ही हमें बधाइयां देंगी .
की प्रतीक्षा में हैं.
उसका यशोगान करेंगे तो
यह संसार ही हमें बधाइयां देंगी . .
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