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Saturday, July 14, 2018

गृह गृह में .

man मन नाचता है, नचाता है,नचा रहा है मन बंधन कैसे हो ?बीबी बंधन हो गया.
माँ,बाप ,भाई का बंधन तोड़ चला. 
साला साली सास ससुर का बंधन जोड़ चला. 
शकुनी की याद आयी ,फिर भी चुप .
मंथरा की याद आयी फिर भी चुप. 
कंस की याद आयी फिर भी चुप.
सहोदर सहोदरी उतारी दिल से .
यही रामायण -महाभारत की कहानी
गृह गृह में .

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