Wednesday, July 18, 2018

भगवद गीता के सदुपदेश .

भगवद गीता के सदुपदेश .
गुण आतानं---  हममें जो गुण नहीं  हैं ,उन्हें ग्रहण करना .

दोष अपनयनम--- हममें जो बुरे गुण हैं , उन्हें छोड़ देना.

 उन गुणों  को पाने  का  मार्ग :--
१. अर्थ दर्शनं :--सद्गुणों के प्रयोजनों को सोचना.

२. अनर्थ दर्शनं -- बद्गगुणों  के बुरे फलों के बारे में सोचना .
३. सज्जनों  के  सत्संग में रहना
४.  प्रायश्चित्तं :-- अपने  चाल की बुराइयों को अपने   आप  छोटे छोटे    दंड  देना.
५. प्रशंसा :--जिन अच्छे गुणों को सोच -समझकर पालन  किया ,
                  उन अच्छे गुणों की प्रशंसा अपने आप को करना.

६. संकल्प :-- अच्छे गुणों  पालन का  संकल्प  कर लेना.
७. सावधान :--सतर्कता   और   जागृत  रहना .

८. प्रतिपक्ष  भावना :--जब   क्रोध होता   है ,तब  सहनशीलता का  पालन करना.

९. ध्यान:-- सद्गुणों  का  पालन करना चाहिए.
१०. प्रार्थना :-- सद्गुणों की प्राप्ति के लिए भगवान  प्रार्थना करना .
 (आधार :-श्री स्वामी  ब्रह्मा योगानान्द,  श्री सद्गुरु  मासिक पत्रिका के सौजन्य से )

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