हम प्रार्थना करते हैं,
क्या हमारी प्रार्थना
मानने अनुकूल फल देने
ईश्वर तैयार हैं?
समाचार पत्र, समाज, वैज्ञानिक आविष्कार
सब का लाभ सभी उठा सकते हैं?
क्या हमारी प्रार्थना
मानने अनुकूल फल देने
ईश्वर तैयार हैं?
समाचार पत्र, समाज, वैज्ञानिक आविष्कार
सब का लाभ सभी उठा सकते हैं?
भाग्यवान ही उठा सकते हैं.
पैसेवाले भी दुखी हैं.
रंक- राव भी दुखी है.
रंक- राव भी दुखी है.
करोडपति भिखारी का समाचार ,
लखपति भिखारी का समाचार।
अनाथ भिखारी जहाँ बैठता था,
वहीं मर गया,
उसके शव के नीचे
लाखों रुपये।
लखपति भिखारी का समाचार।
अनाथ भिखारी जहाँ बैठता था,
वहीं मर गया,
उसके शव के नीचे
लाखों रुपये।
बडे बडे अमीरों के यहाँ,
बडे बडे वेद के पारंगत के यहाँ,
बडे बडे वेद के पारंगत के यहाँ,
बडे बडे डाक्टर के यहाँ
पागल संतान,
गायक और वक्ता के यहाँ
गूंगा पुत्र।
पागल संतान,
गायक और वक्ता के यहाँ
गूंगा पुत्र।
पैसे पद अधिकार से बढ़कर
सुखी वही है
सुखी वही है
जो एकांत में बैठकर
सुख का अनुभव करता है.
सुख का अनुभव करता है.
ऐसा कोई भी नहीं है,
अगजग में,
वही ईश्वरीय सूक्ष्म लीला है.
वही ईश्वरीय सूक्ष्म लीला है.
सबहीं नचावत राम गोसाई।
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