Sunday, August 26, 2018

Hindi

हिंदी  सुखात्मक भाषा.
अपने आप पली,
सबके अधर
 गुनगुनाने  लगे
बढा, पर हीरे  को
चमकाने का जौहरी
सरकार  नहीं.
पुरातन भारत  की कलाएँ
बगैर अंग्रेज़ी  के
बगैर सिविल इंजनीयरिंग  के
पहाड को काटकर बनाये मंदिर गोपुर.
गजरोहा के सांसरिक दिव्य चेतना
ब्रह्मचर्य, संयम   की सीख
निस्पृह  जीवन
सादा जीवन उच्च  विचार.
अब नहीं  बाह्याडंबर
वैज्ञानिक तरक्की,
हर साल तकनीकी परिवर्तित
गाडियाँ,  मोबाइल, द्विचक्री  .

भगवान,  संत,  नेताओं को
रुपयों  का माला, ऐसे
परिवर्तित  जीवन में,
नौकरी की आशा  न होने पर भी
भारतीय  भाषा प्रेमी.
हिंदी को ज़िंदा रखने
 कुछ न कुछ करते ही रहते हैं. 🌁

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