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Thursday, August 9, 2018

पत्नी का कठपुतला

Good
இனி ய காலை வணக்கம்
morning
सुप्रभात.
 आज मैं क्या लिखूँ.
आत्मा की बात  या परमात्मा  की बात.
समाज की बात  या सांस्कृतिक बात.
राजनैतिक  बात या राष्ट्र  की बात.
शादी की बात  या साथी की बात.
संयोग  की बात या संभोग का बात.
विष्णु की बात या शिव की बात.

मजहबी बात या मनौती  की बात.
स्वस्थ  या अस्वस्थ  बात
फिल्मी बात या फिर की बात.
यों सोचते सोचते रात बीती.
जो़रू  की जोर  की आवाज़
बर्तनों  की आवाज़
बडबडाना की आवाज
जो कुछ सोचा,
क्या सोचा क्या सिखा
पता नहीं, उठा, दाँत साफ कर
काफी पी, लंबा भाषण सुना.
सब भूल  पत्नी का लट्टू, कठपुतला.
कल देखा जाएगा  कवि की कल्पना की बात.

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