Sunday, August 5, 2018

पूजा करने चली आई .

आध्यात्मिक मार्ग का मतलब है
बाह्याडम्बर रहित ईश्वर वंदना।
किसी के मन में धन के अभाव की चिंता उत्पन्न करना
वास्तविक आद्यात्मिक्ता नहीं है.
सुभद्राकुमारी चौहान जैसे kavita की प्रेरणा देना भक्ति नहीं है
देव! तुम्हारे कई उपासक कई ढंग से आते हैं
सेवा में बहुमूल्य भेंट वे कई रंग की लाते हैं
धूमधाम से साज-बाज से वे मंदिर में आते हैं
मुक्तामणि बहुमुल्य वस्तुऐं लाकर तुम्हें चढ़ाते हैं
मैं ही हूँ गरीबिनी ऐसी जो कुछ साथ नहीं लाई
फिर भी साहस कर मंदिर में पूजा करने चली आई .

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