Thursday, November 1, 2018

उपहार -उपकार

उपहार -उपकार 
उपहार देने से 
उप कार्य होता है 
उपहार  हार को जीत में बदलता है। 
उप कार्य  प्रधान कार्य बन जाता हैं 
उपहार कभी कभी लापरवाह बन जाता है 
मुफ़्त का उपहार लोभ बढ़ाता है। 
उपहार के बिना काम करना रुक जाता है.
उपहार के इंतज़ार ठगने का कारण। 
ऐसे भी देखा अमीरी गरीबी के लक्षण। 
उसने सस्ता दिया मैंने महँगा दिया ,
मानसिक कटुता और हीनता ग्रंथी के कारण 
मान -अपमान की सूचना भी.
भगवान को हीरे का उपहार देने से
 क्या सद्यःफल मिलता है.
अफसर को तो कठिनतम भी सरलतम

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