Search This Blog

Thursday, November 15, 2018

विजय (मु )

सत्य असत्य
ईमानदारी बेईमानी
न्याय अन्याय
पाप पुण्य
शुभ अशुभ
भला बुरा
सब जानकर
समझकर भी
अमृत विष मिलाकर
सुकर्म दुष्कर्म
तटस्थ ता से
विपरीत कर्म में लगे मानव जीवन में
सुख  कहां?



No comments:

Post a Comment