Saturday, November 17, 2018

मातृत्व नेतृत्व (मु )

माँ ममता मयी
जब तक जिंदा  रहती
तब तक उनकी बात न मानते बच्चे.
उनकी मानसिक दशा,
शारीरिक रोग किसी पर न देता ध्यान.
वह   तो अपनी संतानों  के दुख दूर करने
चिंतित रहती.
सुख मेंंब्रह्मानंद का अनुभव करती.
सब उनकी मृत्यु के बाद ही सोचते हैं
ज़िंदा रहते उन पर ध्यान  नहीं देते.
यहीमानव जीवन.
राम भी कैकेयी के लिए  वन गया.
कौशल्या  दशरथ की मनोदशा न जाना.
सीता को संताप दिया,
पत्नी  की मनः स्थिति न महसूस की.
आदी काल से आजकल भारतीय कथाएँ
नारी को भोग और सेविका ही मानती.
परिणाम सोनिया खान
 सोनिया गांधी नाम धर
गांधी वंश बन गयी.
माँ का नाम आद्यक्षर  का कानून बन गया
माँ  के इशारे पर ही पता चलता
पिता कौन?
माँ के बगैर संकेत के
ईसा, कबीर,  सीता के पिता का पता नहीं.
यही वास्तव में ईश्वर की महा शक्ति.
किसी को पता नहीं पांडवों के असली पिता,
राम के असली पिता.
माँ अत्यंत सूक्ष्म  सृष्टि
ईसा के पिता का पता नहीं.
स्वरचित  स्वचिंतक :यस. अनंत कृष्णन 

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