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Thursday, November 22, 2018

समाज (मु )

समाज भारतीय समाज ,
स्वार्थमय या निस्वार्थ मय
विचित्र  व्यवहार समाज में
भ्रष्टाचार और रिश्वत
समर्थन ही करने तैयार।
न्यायालय  में मुकद्दमा
सालों चलके न्याय नहीं मिलते।
सब को मालूम है  सब रजिस्ट्ररर के
कार्यालय में ,घरबनवाने की योजना अनुमति में
मेट्रोवाटर ,बिजली कनेक्शन में
l .k .G  भर्ती में  हर क्षेत्र में
लेन -देन  की बात सर्वमान्य।
आदी  ऐसे हो गए ,आवेदन पत्र  के साथ
पैसे  देने की बात  मनपसंद।
पैसे लेकर वोट देना,
मनमाना लूटने भ्रष्टाचारियों को
पुनः पुनः चुनना आनंद विषय बन गया.
सड़कें नहीं ,फुटपात पर दुकानें ,
अवैध   तरीके अति सहज.
सिकंदर के आक्रमण से  आज तक
देश द्रोहियों  का विषैला प्रभाव
अभी  तक  कम  नहीं हुआ.

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