माँ, माता, अम्मा,
जगतजननी शक्ति स्वरूप,
देवी का नाम सुना है,
पर न देखा ,अनुभूति मिली.
माँ जिसके गर्भ में पला,
दिमाग, आँख, कान, हड्डियाँ, माँस,
हाथ, पैर, सर्वस्व पूर्ण नर रूप
प्राप्त कर पृथ्वी पर आयी,
वह जननी जन्म भूमि, मेरी.
दस महीने बिंदु स्वरूप अति
सूक्ष्म रूप को अपना खून देकर
दर्द सहकर पाला वह देवी प्रत्यक्ष शक्ति.
माँ रस गो रस से श्रेष्ठ,
माँ, प्रत्यक्ष ज़िंदा दिव्य रूप.
माँ गुरु आइन, माँ सेविका, माँ मार्गदर्शिका,
माँ शक्ति दात्री, ममता मयी,
दयामयी, त्याग का प्रतिबिंब,
हैरान की बात है, सृजनहार ने
सब सृष्टियों में गुण अवगुण,
माँ में भी कई होती निर्दयी,
कुंती सी,कैकेई सी,
काला धब्बा किसमेंनहीं.
माँ सम माँ न तो मैं नहीं, नरवर्ग नहीं
माँ को सविनय सादर नमस्कार.
जगतजननी शक्ति स्वरूप,
देवी का नाम सुना है,
पर न देखा ,अनुभूति मिली.
माँ जिसके गर्भ में पला,
दिमाग, आँख, कान, हड्डियाँ, माँस,
हाथ, पैर, सर्वस्व पूर्ण नर रूप
प्राप्त कर पृथ्वी पर आयी,
वह जननी जन्म भूमि, मेरी.
दस महीने बिंदु स्वरूप अति
सूक्ष्म रूप को अपना खून देकर
दर्द सहकर पाला वह देवी प्रत्यक्ष शक्ति.
माँ रस गो रस से श्रेष्ठ,
माँ, प्रत्यक्ष ज़िंदा दिव्य रूप.
माँ गुरु आइन, माँ सेविका, माँ मार्गदर्शिका,
माँ शक्ति दात्री, ममता मयी,
दयामयी, त्याग का प्रतिबिंब,
हैरान की बात है, सृजनहार ने
सब सृष्टियों में गुण अवगुण,
माँ में भी कई होती निर्दयी,
कुंती सी,कैकेई सी,
काला धब्बा किसमेंनहीं.
माँ सम माँ न तो मैं नहीं, नरवर्ग नहीं
माँ को सविनय सादर नमस्कार.
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