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Wednesday, November 14, 2018

मानव अवलंबित(.मु )

फूल खिले तो
खुशबू .
मन मोहक
नेत्रानंद.
पर वह भी अस्थाई. 
पैसे अचल संपत्ति
पर प्राण ज़िंदा रहना
अनिश्चित.
पद, पदोन्नति , पर जवानी
अस्थाई.
अस्थाई जगत में
आनंद परमानंद से जीना है तो
सत्याचरण, कर्तव्य परायण
आत्मानंद अति आवश्यक.
सहज मिला तो दूध सम.
न पशु पक्षी माँगना किसी से
मानव तो जन्म से दूसरों पर निर्भर.
बछडा खडा है जन्म लेते ही
बच्चा लेटा है माँ की गोद में.
मानव को ज्ञान देकर भी
मानव अवलंबित.

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