Friday, January 22, 2021

मेरी रचनाएँ

 [15/01, 6:52 pm] Ananthakrishnan: नमस्ते।

 




शीर्षक.:- तन्हाइयाँ  தலைப்பு --தனிமை




 सब को सविनय அனைவருக்கும் பணிவான


 सादर  प्रणाम.  மரியாதை யான வணக்கம்.




गाना है तमिल में.  பாட்டு தமிழில்


कया अकेले आनंद पा सकते हैं?  தனியாக ஆனந்தம் பெறமுடியுமா?


क्या अकेला पेड उद्यान हो सकता है? 


தனிமரம் தோப்பாகுமா?


हिंदी में अकेले चना भाड नहीं फोड सकता. 


தனி ஒருவன் பெரிய தாக சாதிக்க முடியுமா?


 आज का शीर्षक तन्हाई. இன்றைய தலைப்பு தனிமை


लौकिक अलौकिक जीवन में  லௌகீக அலௌகீக வாழ்க்கை யில்


  पहले समाज को  முதலில் சமுதாயம்


दूसरे में तन्हाई.   அடுத்தது தனிமை.


समाज में जीना சமுதாயத்தில் 


 कितना आनंद, வாழ்வதில் எவ்வளவு ஆனந்தம்.


 कितना दुख.  எவ்வளவு வருத்தம்.


पडोसी की सुविधाएँ  அண்டை வீட்டு வசதிகள்.


बढते बढते  அதிகரிக்க அதிகரிக்க


ईर्ष्या -जलन,. பொறாமை எரிச்சல்.


अपनी सुविधाएँ தன் வசதிகள்


 அதிகரிக்க அதிகரிக்க


 बढते बढते


अहंकार. ஆணவம்.




अपनी कमज़ोरी தன் பலஹீனம் 


  छिपाने  மறைக்க


क्रोध.  கோபம்.


अपनी शारीरिक தன் உடல்


 सुख में काम  சுகத்தில் ஆசை


इन सबको नियंत्रण  में  இவைகளை கட்டுப்பாட்டில்


रखने,   வைக்க


मनको चैन में लाने  மனதை அமைதியில் கொண்டு வர.


इन सब से बचने  இவைகள் அனைத்திலும் தப்பிக்க


एक साधन है तन्हाई.  ஒரு சாதனம் தனிமை.


तन्हाई पसंद लोग  தனிமையை விரும்புபவர்கள்


लौकिकता  तजकर  லௌகீகம் விட்டு விட்டு


अकेले ब्रह्मानंद  में लगे.  தனியாக பிரம்மானந்தத்


 தில் ஈடுபட்டனர்.


महावीर, बुद्ध, मुहम्मद नबी, மஹாவீரர்,புத்தர்,


 आदी  कवि वाल्मीकि, तुलसी,ஆதிகவி வால்மீகி,துளசி


 आदि परिवार तज, पत्नी तज 


முதலியோர் குடும்பத்தை விட்டு


ईश्वर का वर,  கடவுளின் வரம் 


अनुग्रह  प्राप्त कर அனுக்ரஹம் பெற்று


ईश्वर  तुल्य बने.  கடவுளுக்கு ஒப்பானார்கள்.


अगजग के आराधना के அகில உலக ஆராதனை


 ईश्वर तुल्य बने.  கடவுளுக்கு  இணையானார்கள்.


जग -अभिलाषा रहित, உலகப் பற்றின்றி


ईश्वरत्व अनुशासित  தெய்வீக ஒழுக்கம்


दान धर्म का  தான் தர்மத்திற்கு 


मार्ग दिखाया.  வழி காட்டி கார்கள்.


मैं सत्तर साल का  நான் எழுந்து வயதில் 


दूसरी तन्हाई के महत्व का  அடுத்த தனிமையின் மகத்துவம் 


महसूस कर உணர்ந்து,


तन्हाई को तनहाईतम मान தனிமையை தனித்தன்மையான ஏற்று 


युवकों को जगाने  के प्रयत्न में இளைஞர்கள் விழிப்புணர்வு பெற 


तन्हाई में आनंदमय  தனிமையில் ஆனந்தம் 


ब्रह्मानंद में जीने का  பிரம்மானந்தம் தில் வாழும் 


महत्व  पर सोचने का संदेशமகத்துவத்தைக் கூறும் நிலையில்.


சுய சிந்தனையாளர் சுயபடைப்பு 


சே.அனந்தகிருஷ்ணன்.


देने की अवस्था  में.


स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

[17/01, 10:44 am] Ananthakrishnan: नमस्ते।  मैं अपने तमिल  साहित्य का हिंदी अनुवाद,  हिंदी का तमिल अनुवाद अपनी निजी विचार आदि ब्लाग द्वारा 

लिख रहा हूँ।सुना है किताब छपकर प्रकाशित करने पर ही 

पुरस्कार के लिए सरकार के यहाँ से सम्मान मिलेगा।

    आप जानते हैं कि किताब छापने और प्रकाशित करने अधिक खर्च होगा। युगानुकूल ब्लाग में लिखनेवाले लेखकों भी प्रोत्साहित करने का कदम उठाइये।

 मेरे ब्लाग है

 १.आ सेतु हिमाचल नवभारतटाइम्स अपनाब्लाग 

२.Tamil Hindi Sampark

anand gomu. blog spot.com

3sethukri.blogspot.com

4.Anbeandavan (Tamil

Knowledge sharing.

ananthako.blogspot.com

 v.p.poor.blogspot.com 

Speaking tree Timesof India 


 मेरी उम्र७२हैं।

SBM school my face book ID.

 s.anandakrishnan 

8610128658

[18/01, 9:06 am] Ananthakrishnan: दोष  देखना  गैरों  का   बंद  कीजिए --नूतन साहू  वाह। 

बुरा जो देखन मैं गया ,बुरा न  मिलिया कोय। जो दिल खोजा अपना मुझसे बुरा न कोय --कबीर। 

हर कोई अपने को सही रखें तो 

देश स्वर्ग तुल्य  मान। 

हमेशा यह याद रखना ,

बार बार जानी हुई  बात दोहराना 

सही या गलत।,

दोहराने में  मजबूर मनुष्य। 

धन  न रोक सकता जवानी। 

धन न रोक सकता श्वेत बाल। 

धन न रोक सकता बुढ़ापा। 

फिर भी भ्रष्टाचारी ,रिश्वतखोरी ,ठग 

आदि काल से पनपते जग  में। 

वाल्मीकि से पाठ न सीखा। 

तुलसी से  पाठ न सीखा। 

भर्तृ हरी से पाठ न सीखा। 

बुद्ध से पाठ न सीखा। 

अंगुलिमाल से  पाठ न सीखा। 

छत्रपति शिवाजी से पाठ न सीखा। 

इंदिरागांधी ,संचय , राजीव से पाठ न सीखा। 

खांन गांधी ठग से न सीखा। 

आज तमिलनाडु के पहाड़ 

हिन्दू मंदिर छिपाकर 

ईसाई  गिरिजा घर , मुग़ल दरगा। 

सहने तैयार ,पर वे तो भारतीय संस्कृति ,भाषा मिटाने तैयार। 

बगैर दोष देखे बताये ,समझाए जीना 

स्वाभिमान है क्या ?

जिओ जीने दो। 

हम हैं तो 

अन्यों का नाश करो ,जड़ मूल नष्ट करो 

खुद जीओ तब न सोचे मरना 

सार्थक कहाँ तक ?

सोचो ,मीन मेख देखना सही 

आत्माभिमान और स्वरक्षा के लिए। 

स्वरचित स्वचिंतक एस। अनंतकृष्णन। चेन्नै  हिंदी प्रेमी

[19/01, 8:49 am] Ananthakrishnan: नमस्ते वणक्कम।

न अपनी गरीबी की चिंता।

न अपने भविष्य की चिंता।

हाथ में  राष्ट्रीय झंडे।

देश के नामोच्चारण।।

 भगवान की क्रूर लीला।।

धनलक्ष्मी देकर

 संतान लक्ष्मी से वंचित।

संतान भाग्य देकर,

 धन लक्ष्मी से वंचित।।

 सुंदर आँखों की चमक।।

स्वस्थ ह्रृष्टपृष्ठ शरीर की संतान।

 निर्मल हँसी,गरीबी में आनंद।।

 लक्ष्मी पुत्र अपनी आलीशान महल में।

संतान लक्ष्मी पुत्र फुटपाथ पर।।

ईश्वरीय लौकिक लीला,

 अगजग को पता नहीं।

 आदर्श देश भक्ति यहाँ।

 भ्रष्टाचारी रिश्वत खोरी 

  छल कपटी  दल 

सत्ता के लिए 

समाधियाँ,

मूर्तियाँ बनाते।

लाखों करोड़ों  की इमारतें।।

लाखों करोड़ों झोंपडियाँ,

मतदाता वे ही।

३५% मतदाता अमीरी शिक्षित

 नहीं देते ओट।

गरीबों के वोट में  

जीते संसद विधायक।

असुरों को  वर देकर 

देवों को कारावास ।

फिर वध के लिए अवतार।‌

यह लौकिक लीला समझ में न आती।

राजा महाराजा  के प्रेम मिलन में

हजारों विधवाएँ,

उन स्वार्थी कामांधकारी राजाओं की प्रशंसक कवि।

पद्मावत के शासकों को 

वीरों के अनाथ बच्चों पर दया नहीं।

उन अनाथ बच्चों का

 शाप राज परंपरा नहीं।

 विविध  विचार, 

ईश्वर की लौकिक लीलाएँ।

समझ में आती नहीं।

पाषाण युग से 

आधुनिक शिक्षित युग तक।

जिसकी लाठी उसकी भैंस।

 भस्मासुर को वर देकर

 शिव का भागना समझ में नहीं आता।

मोहिनी अवतार कामदहन  

 शिव के आकर्षण  

समझ में आता नहीं।।

स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन,चेन्नै

[21/01, 9:45 pm] Ananthakrishnan: मेरा नाम  अनंतकृष्णन  है.

मैं  आपको बोलचाल की हिंदी सिखाने   आया हूँ.


आप  अपना  नाम   बताइये।

 हिंदी  -तमिल  भाषा की समानता।


 हम अनजान में ही  हिंदी का  प्रयोग करते हैं। 


आप  जानते हैं ,हमारे नामों का तमिल अर्थ जानने  पर 

हिंदी  सरल होगा।


पहले  हम  "तामरै "  शब्द  के हिंदी शब्द  पर ध्यान देंगे। 


आप निम्नलिखित  नामों के दोस्त  जानते हैं। 


कमल,  सरोजा ,नीरजा,पद्मा ,पंकज ,जलजा --- अब छह नाम जानते  हैं.

इन सबका  एक  ही अर्थ है -तामरै। lotus 


 दूसरे   शब्द देखिये :--

सूर्य --सूरियन।  sun 

दिनकर ,दिवाकर ,प्रभाकर,रवि,  इन सबका अर्थ सूरज। =सूरियन। 


अब   आप   बारह शब्द सीख चुके हैं  जो  अपने परिचित नाम   है.


अब  तमिल अखबार में अक्सर उपयोग और प्रयोग करनेवाले शब्द :


कामम (காமம்),क्रोतम ,(குரோதம்)अहंकारं  (அஹங்காரம் ) ,निर्वाहम (நிர்வாகம் ),बंद பந்து ),घेरो ,கேரோ 


திருப்தி , निवारणं ,(நிவாரணம் ),गिरहप (கிரஹப்பிரவேசம் ),

गणितम(கணிதம் ) ,சேவை ,गिरामम  கிராமம் ,सुतंतिरम ,(சுதந்திரம் मुकाम, முகாம் सबै,சபை 

मासम,மாசம்   वरुसम , வருஷம்  सतम ,சதம் वसूल,வசூல்  कोटि கோடி ,कुडुम्बम , குடும்பம்  

वारम வாரம் ,परिवर्त्तने ,பரிவர்த்தனை बागपपरिविनै பாகப் பரிவர்த்தனை , भागम,,பாகம் 

समरप्पणम ,சமர்ப்பணம் अधिकारीஅதிகாரி 

   ये सब तमिल और हिंदी में प्रयोग करते  हैं।  இவை எல்லாம்  தமிழ்  ஹிந்தியில்   சமமாகும்.ஹிந்தியில் "  ம் "

  अंत के "म "  हटाने पर  हिंदी हो  जाएगा। 


இவ்வாறு    தமிழ் அறிந்தவர்கள்  ஹிந்தி  படிப்பது  மிக எளிது.

[22/01, 5:15 pm] Ananthakrishnan: तमिल  हिन्दी में फर्क।

एकता।


अरुकतै   - अर्हता

योग्यतै  -  योग्यता

कतै    -  कथा

सिदै।   - चिता। 

शिलै  -  शिला।

ज्वाला -  ज्वालै।

शूलम्। -  शूल।

  गधै    -गदा 

 पातै  -  पाथ।

 वतै  -वध कर।


चिंतनै।  चिंता।

मालै     माला 


परिवर्तनै   परिवर्तन।

भ्रम्मै भ्रम।

चित्तम्   चित्त।

संग्रह  अनंतकृष्णन चेन्नै।

No comments:

Post a Comment