Search This Blog

Sunday, January 3, 2021

आगाज ए नव वर्ष

 नमस्ते। वणक्कम

दिनांक -३-१-२०२१
शीर्षक --आगाज़ -ए -नववर्ष
२०२० का अलविदा ,
नव वर्ष का स्वागत।
पिछले वर्ष कोरना का आगमन।
नव वर्ष अति तीव्र कोराना।
क्रीट विषाणु मेरा हिंदी अनुवाद।
सम्राट असुर सम्राट बन ,
अगजग को डरा रहा है ,
नव वर्ष का स्वागत गाना ,
प्राथना के साथ।
अगजग समझ गया ,
कृत्रिम विज्ञान काम का नहीं ,
प्रार्थना ,प्रेयर ,इबादत प्रधान।
प्राकृतिक का कोप नहीं देखता
हिन्दू ,मुस्लिम ईसाई ,सिक्ख ,
जाति ,सम्प्रदाय नहीं देखता।
इंसानियत /मनुष्यता ,
ईमानदारी ,सच्चा दिल ,
अचंचल मन ,सफाई अति
आवश्यक।
अत्याचारी हिटलर नहीं ,
जगत विजेता सिकंदर नहीं ,
अत्याचारी हिरण्यकश्यप नहीं
ईसा नहीं ,मुहम्मद नहीं ,
व्यास नहीं वाल्मीकि नहीं ,
पर वेद हैं ,कुरआन है ,बइबिल भी है
पर उन सब की अच्छे अनुयायी नहीं।
धर्म कर्म में मजहबी भेद ,
मनुष्य मनुष्य में नफरत ,
स्वार्थ आश्रम ,तिलक भेद।
खुदा के नाम
भगवान के नाम
ईसा के नाम
लेकर भेद।
कराना भेद न देखा जान।
मनुष्यता निभाएंगे हम।
मजहबी भेद तो
नहीं पवन के लिए।
नहीं समीर के लिए।
नहीं गंगा पानी के लिए।
समुद्र का खारापन सब के लिए।
सोचो विचारो मानव एक होंगे
मानवता निभाएँगे।
यह शपथ लेकर आगे बढ़ेंगे।
नव वर्ष का सुस्वागत करेंगे।
स्वरचित ,स्वचिंतक ,से। अनंतकृष्णन ,चेन्नई तमिलनाडु

No comments:

Post a Comment