- तामेश्वर शुक्ल तारक वाहहह
- तामेश्वर शुक्ल तारक बहुत ही सुन्दर सृजन
- Uma Jha Anandakrishnan Sethuraman सुंदर सृजन
Search This Blog
Wednesday, May 29, 2019
Monday, May 27, 2019
एक न तो दूसरा मिल ही जाता है
नमस्ते ।
मैं नहीं तो दूसरा मिल जाएगा।
यह आशा न तो यह चिंतन न तो
लै ला मजनूँ ,अनार कली सा
जहां पागलों से भर जाता ।
आध्यात्मिक जगत में भी,
अड़तालीस दिन दुर्गा की प्रार्थनाएं ।
इतने पडोसिन ,नाते रिश्ते के इशारे से
आश्रम के आचार्य मिलन।
सद्य:फल के लिए तीर्थ यात्रा,
मजहबी परिवर्तन,
तीर्थ यात्राएँ ।
हिंदी नौकरी न देती तो
अंग्रेज़ी, न तो तकनिकी ।
एक न तो दूसरा ।
पैसे हो पाँच नक्षत्र खाद्यालय।
विचित्र वीर्य नहीं तो शुक्ल दानी।
मैं नहीं तो दूसरा मिल ही जाता है ।
सभी क्षेत्रों में। तभी जिंदगी न तो पागल इनसान ।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
मैं नहीं तो दूसरा मिल जाएगा।
यह आशा न तो यह चिंतन न तो
लै ला मजनूँ ,अनार कली सा
जहां पागलों से भर जाता ।
आध्यात्मिक जगत में भी,
अड़तालीस दिन दुर्गा की प्रार्थनाएं ।
इतने पडोसिन ,नाते रिश्ते के इशारे से
आश्रम के आचार्य मिलन।
सद्य:फल के लिए तीर्थ यात्रा,
मजहबी परिवर्तन,
तीर्थ यात्राएँ ।
हिंदी नौकरी न देती तो
अंग्रेज़ी, न तो तकनिकी ।
एक न तो दूसरा ।
पैसे हो पाँच नक्षत्र खाद्यालय।
विचित्र वीर्य नहीं तो शुक्ल दानी।
मैं नहीं तो दूसरा मिल ही जाता है ।
सभी क्षेत्रों में। तभी जिंदगी न तो पागल इनसान ।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं
चंद्रमा और निराकाश
चारु चंद्रमा,साथ न संगीनि।
संगीनों चारुलता लेटी तो
न नीलाकाश न चाँद,
आँखें बंद,ऐक्य में ऐश्वर्य सुख।
निराकार की सृष्टि मिलन
आकार देने के बिंदु मिलन।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
संगीनों चारुलता लेटी तो
न नीलाकाश न चाँद,
आँखें बंद,ऐक्य में ऐश्वर्य सुख।
निराकार की सृष्टि मिलन
आकार देने के बिंदु मिलन।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
आँखें
आँखे
देखी,
नयन मिला,
नेत्र सुख,
आँखें मारी।
पहला मार खाया।
नेत्र अपमानित
नीचे झुके ।
चारों ओर आँखें घूमी।
पैर तेज।
दोहा याद आयी
नेत्र स्नेह हीन तो
वहाँ न जाना,
भले ही स्वर्ण वर्षा हो।
स्वरचित स्वचिंतक
यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
भगवान की कृपा कटाक्ष के लिए ।
ईश्वरीय चक्षु मिलन में बडा आनंद।
परमानंद ब्रह्मानंद,
आँखों में अश्रु धारा,
परमानंद की,वरणनातीत।
स्वरचित स्वचिंतक ।
देखी,
नयन मिला,
नेत्र सुख,
आँखें मारी।
पहला मार खाया।
नेत्र अपमानित
नीचे झुके ।
चारों ओर आँखें घूमी।
पैर तेज।
दोहा याद आयी
नेत्र स्नेह हीन तो
वहाँ न जाना,
भले ही स्वर्ण वर्षा हो।
स्वरचित स्वचिंतक
यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
भगवान की कृपा कटाक्ष के लिए ।
ईश्वरीय चक्षु मिलन में बडा आनंद।
परमानंद ब्रह्मानंद,
आँखों में अश्रु धारा,
परमानंद की,वरणनातीत।
स्वरचित स्वचिंतक ।
बगैर
हम जी रहे हैं
बिना किसी बहाने
किये बगैर.
नगर नया विस्तार,
बैंकवाले कर्जा देते हैं,
महानगरपालिका अभियंता
अनुमति दे देते हैं.
बिजली विभाग बिजली दे दी.
पर न सडक, न मोरीजल धारा,
न पीने की पानी व्यवस्था,
न बस, टूवीलर में जाने पर हड्डियाँ टूट जाती.
किसी बहाने किये बगैर जी रहे हैं.
बिना किसी बहाने
किये बगैर.
नगर नया विस्तार,
बैंकवाले कर्जा देते हैं,
महानगरपालिका अभियंता
अनुमति दे देते हैं.
बिजली विभाग बिजली दे दी.
पर न सडक, न मोरीजल धारा,
न पीने की पानी व्यवस्था,
न बस, टूवीलर में जाने पर हड्डियाँ टूट जाती.
किसी बहाने किये बगैर जी रहे हैं.
Saturday, May 25, 2019
सनातन धर्म ----नई बातें
- Anandakrishnan Sethuraman दोस्तों नमस्कार ।
जय जगत सनातन धर्म घोषणा ।
सर्वे जनता सुखिनो भवंतु
सनातन धर्म प्रार्थना ।
आतंकवादी मंदिर तोडते,
सनातन धर्मी गिरिजाघर खरीदकर
अमेरिका में मंदिर बनवाते।
सिर्फ भारत में यह नारा ---
हिंदु मुसलिम सिक्ख ईसाई
आपस में हैं भाई भाई।
इसलिए भारत महान ।
सारे जहाँ से अच्छा,
हिन्दुस्तान हमारा हमारा।
आ सेतु हिमाचल,
आध्यात्मिक एकता।
विश्वनाथ, जगन्नाथ हमारे भगवान।
जगत रक्षक हमारा देश।
स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं । - Anandakrishnan Sethuraman नयी बातें सत्य के आधार पर नहीं,
इश्क के आधार पर,
शारीरिक सुख के आधार पर।
संयम के आधार पर नहीं,
लौकिकता अपनाकर आनंद भोगने।
प्यार करो न तो तेजाब, खून,आत्महत्या ।युवक बिगड़ने गैर जिम्मेदारी कवि,
निर्माता, अभिनेता, अभिनेत्री ।
समाज सुधरने ये ही कारण।
शिक्षित,शासक ,धनी न डरते ईश्वर से,
वे ही डरते जो चाहते विश्व कल्याण ।
स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं स्वरचित ।- Manju Mathur Anandakrishnan Sethuraman सही फरमाया साहित्य समाज का दर्पण है साहित्य और कला को ही सुधारना होगा हमें
- Chhavi Kant Sharma 🌹जय श्री कृष्णा ..सुप्रभात 🌹
- Chhavi Kant Sharma वाह ..आनंदकृष्ण जी ..बहुत खूब
बहुत बेहतरीन संदेशात्मक पंक्तिया ..लाजवाब प्रस्तुति
बहुत अच्छा लिखते हो आप
Tuesday, May 21, 2019
लेटी नारी चित्र
संयोजक, समन्वयक और संचालक को नमस्कार ।
चित्र लेखन।
लेटी महिला अति चिंतित,
अति दुखित,अति विचलित ।
रूठी है या क्रोधित या विरह पीडित
पता नहीं,किसी तमिल कवि ने कहा,
समुद्र की गहराई का
पता चल सकता है,
नारी हृदय के अन्तर्मन समझना
अति मुश्किल।
यह तो कैकेई नहीँ,
वह तो रूठी जमीन पर लेटी।
यह तो सीता नहीं,वह तो अशोक वन में,
यह तो उर्मिला हो सकती,
कोई रानी हो सकती।
वह पीडिता के कारण अनेक,
प्रेम से ठुकराई है या
प्रेमी ठगा दिया,
या पति विदेश में
न जाने पीडा के कारण अनेक।
प्यार में हार गई या
पुत्र वियोग में या
सास ससुर की गालियाँ सुनी।
पति झूठ बोला या
ननद की झिडकियाँ,
कार्यालय व्यवस्थापक या कार्यालय
सम स्या,
वेदना तू है भली ,
कुछ सांत्वना तो देँगे जो चाह्ती नारी।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
चित्र लेखन।
लेटी महिला अति चिंतित,
अति दुखित,अति विचलित ।
रूठी है या क्रोधित या विरह पीडित
पता नहीं,किसी तमिल कवि ने कहा,
समुद्र की गहराई का
पता चल सकता है,
नारी हृदय के अन्तर्मन समझना
अति मुश्किल।
यह तो कैकेई नहीँ,
वह तो रूठी जमीन पर लेटी।
यह तो सीता नहीं,वह तो अशोक वन में,
यह तो उर्मिला हो सकती,
कोई रानी हो सकती।
वह पीडिता के कारण अनेक,
प्रेम से ठुकराई है या
प्रेमी ठगा दिया,
या पति विदेश में
न जाने पीडा के कारण अनेक।
प्यार में हार गई या
पुत्र वियोग में या
सास ससुर की गालियाँ सुनी।
पति झूठ बोला या
ननद की झिडकियाँ,
कार्यालय व्यवस्थापक या कार्यालय
सम स्या,
वेदना तू है भली ,
कुछ सांत्वना तो देँगे जो चाह्ती नारी।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंत कृष्ण की प्रार्थनाएं ।
Subscribe to:
Posts (Atom)