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Friday, July 18, 2025

वर्षा

 बारीश की बूंदें 

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु।

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 भूमि सूख गयी तो

 मानव,पशु,पक्षी, वनस्पति जगत 

सब सूख जाएँगे।

खेती नष्ट हो जाएगी।

 वर्ण भगवान की कृपा से

मौसमी वर्षा।।

 वर्षा की बूंदें 

 मिट्टी में संगम।

 मिट्टी में संगम 

 तालाब, झील में पानी।

 कुएँ,बोरवेल में पानी।

 बूंद बूंद से सागर बनता।

 लघु बूँदें भारी बाढ़।।

 न वर्षा की बूंदें,

 न संसार समृद्धि।

 न फूल-फल-हरियाली।

 भूतल पानी व

नदी-नालों के पानी को

 प्रदूषण से बचाना 

 नागरिक और सरकार का प्रथम कर्तव्य है।।

 वर्षा की बूंदों से 

 खेलना, नहाना आनंदप्रद।।

 वरुण भगवान  की 

 कृपा मौसम के अनुसार 

 होने शुभकामनाएं।।

 वर्षा की बूंदें जीवनप्रद।

 जगत कल्याण के लिए अति आवश्यक।।





Thursday, July 17, 2025

भारत भूमि

 नमस्ते। वणक्कम्।

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अपना भारत सुंदर भारत।

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 भारत भूमि अति प्राचीन भूमि  ।

 ज्ञान भूमि, चरित्र गठन की भूमि,

त्याग की भूमि, ऋषि-मुनियों की भूमि।

 न मजहबी द्वेष, शांति चाहक।

आ सेतु हिमाचल की वास्तुकला अति अद्भुत।

 आध्यात्मिक विचार धारा के भेद

 मिटानेवाले रामेश्वर,काशी।

 राम, राम, शिव शिव नाम जब

 अगजग की एकता की गूँज।

 अपने अपने देश  ,अपने अपने मजहब की

 स्वार्थता मिटाने  का नारा 

 वसुधैव कुटुंबकम् का नारा,

सर्वे जना सुखिनो भवन्तु का मंत्र 

 कभी न सूखने वाली जीव नदियाँ

 हरियाली  बनायी रखती है।

 विविधता प्रकृति के कारण।

विविधता पोशाक  में,

विविधता भाषाओं में 

  पाँच कोषों पर पानी बदले,

बीस कोस पर पानी।

पर एकता देती है

 आध्यात्मिकता।

 शिव नाम, राम नाम,

 त्रिदेवियों के नाम 

 सरस्वती, लक्ष्मी, सरस्वती 

 विचारों की एकता,

 भाईचारा, देश प्रेम 

 भारतीय एकता के मूल में।

 विश्व के आदर्श गीत 

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं 

भाई भाई, नझगडाना कोई लड़ाई।

 सहनशीलता विश्व बंधुता का आदर्श मार्ग।

 वास्तुकला में, अर्थ शास्त्र में, चिकित्सा में 

 आदर्श है भारत भूमि।

 जय भारत, जय हिन्दी। जय भारतीय भाषाएँ।





 

 

 



 



 भारत भूमि ज्ञान भूमि।

 भारत भूमि वीर 

 धीरों की भूमि।

 जीव नदियों से समृद्ध भूमि।

 त्यागियों की भूमि।

 सादा जीवन उच्च विचार।

 ऋषि मुनि रहते थे

 पर्ण कुटीर में।

 वीर राजा  के सेनापति 

 वे वीर थे, ज्ञानी थे।

 तत्कालीन परिस्थितियों के अनुकूल जिसका खाना,उसका गाना

 वीर सेनापति के उद्देश्य।

 मुगल आए,

 भक्ति के विचार में 

सोच में भिन्नता।

 निर्गुण सगुण भक्ति।

  निराश्रित कवि ईश्वर के

 यशोगान गाते।

  विविधता में एकता,

 आध्यात्मिक एकता।

कैलाश उत्तर  में और पलनी  सुदूर दक्षिण में 

 यही एकता का प्रमाण।

काशी उत्तर में, रामेश्वर दक्षिण में।

शिशु वैष्णव सांप्रदायिक एकता का प्रतीक।

 रामायण महाभारत 

 दोनों भारतीय प्रांतीय भाषाओं में एकता का अस्तित्व।

 जीव नदियों की धारा।

 ग्रीष्म वासस्थल ,

  गर्मी में सर्दी,सर्दी में गर्मी

  दोनों  के अनुभव  

  एक ही समय में 

  ऐसा  कोई फल नहीं,

   ऐसा कोई अनाज नहीं 

 जो भारत में न मिलता हो।

 कश्मीर के झील,

  पहाड़ों के जलप्रपात,

 गगन चुंबी कंचनजंगा

 वेद, उपनिषद, पुराण,

 स्वास्थ्य वृद्धि के लिए,

 जड़ी बूटियाँ,

 चाणक्य का अर्थ शास्त्र,

भारत  भूमि ज्ञान  भूमि,

 भारत भूमि समृद्ध भूमि

 भारत का झंडा तिरंगा।

 त्याग का, शांति का, हरियाली का प्रतीक।

 सारे जहां से अच्छा 

 भारत देश हमारा।

 राम, कृष्ण की जन्म भूमि,

 राग द्वेष रहित भूमि।

 भारत भूमि मेरी प्यारी भूमि।

प्राकृतिक सुंदरता में अनूठी।

 सहनशीलता में अनुपम।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

Wednesday, July 16, 2025

ईश्वरीय देन

 जीवन की सीख

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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 मनुष्य जीवन खुला ग्रंथ है।

 अपने को पहचानो,आगे बड़ो।

 अपनी ताकत और कमजोरियों को समझो।

 वाणी के डिक्टेटर कबीर ने कहा है:-

बुरा जो देखन मैं गया, बुरा न मिला कोय।

जो दिल खोजा अपना,

मुझ से बुरा न कोय।

 आत्म चिंतन अत्मपहचान से

 आत्म शुद्धि, मन का नाश परिणाम आत्मज्ञान।

 आत्मज्ञान ईश्वरत्व ज्ञान।

जीवन की सीख तो यही है।

 भगवान के ध्यान में 

 आत्मशांति और आत्मविश्वास।

अलौकिक आनन्द, स्थाई।

 लौकिक सुख वासनाएँ

 अस्थाई चंद

 घंटों के लिए।

 मधुशाला बेहोशी मिट जाएगी।

 सनातन धर्म जितेन्द्रियता  की नसीहतें देती हैं।

 पाश्चात्य ठंड प्रदेश के 

 जीवन की सीख मनमाना आनंद। भोगों, मरो।

 यह जीवन अर्थ प्रधान।

 न सार्थक जीवन का मार्ग।

 लौकिक सुख अस्थाई।

 आध्यात्मिक सुख त्याग का है।

 सर्व जन हिताय है।

   तमिल के विश्वविख्यात कवि तिरुवल्लुवर ने लिखा है

अपने दिल जान समझकर झूठ मत बोलो,

झूठा स्थापित होने पर तेरा दिल ही तुझे सताएगा।

 यह भी जीवन की सीख।

 जीवन की सीख है मानवता।

 मानवता न तो मानव पशु समान।

 लौकिक ज्ञान से विधि की विडंबना बदलना असंभव।

 सूक्ष्म बिंदुओं के जुड़ने से

 विभिन्न आकार,

 विभिन्न गुणियों का मनुष्य।।


काला ,गोरा, नाक  के आकार , नाटे लंबे मनुष्य।

 वंशगत आकार गुण।

 जीवन की सीख के लिए 

 अमानुष्य शक्ति को जानो, पहचानो।

 शाश्वत सुख ईश्वरीय ध्यान में।

 सबहिं नचावत राम गोसाईं।

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना 

 




Tuesday, July 15, 2025

भाषा /

 सोचा करता हूँ,

 हिंदी ने मुझे जिंदगी दी।

 आरंभ से बुढ़ापे तक  संघर्ष पूर्ण हिंदी।

 तमिलनाडु में अल्पसंख्यक हिंदी।

हिंदी क्षेत्र में खड़ा रहना मुश्किल।।

 पर मेरे लिए अनुकूल हिंदी।

 तमिल अध्यापकों के साथ विवाद।

 सभी के बच्चों के नाम संस्कृत।

नाम पूछकर मैं सिर तानकर खड़ा रहता।।

 पत्नी बहन के नाम पूछने पर 

 स्वर्ण लता,पद्मजा, पंकजम् कमला,शोभा श्वेता श्यामला कोमला।

वसंता,वसुमति,विजया,

प्रेमा। उदयनिधि, दया निधि।

 फिर क्यों संस्कृत का विरोध।।

ह्रदयराज से पूछो

संस्कृत के बिना , उदयसूर्य कैसे?


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: साईं इतना दीजिए जामे कुटुंब समाय।

मैं भी भूखा न रहूं ,साधु न भूखा  जाय।।

पैसा की चिंता जोड़ी,

 नाम की चिंता जोड़ी

न शांति न संतोष।

 दोनों चिंताएँ छोड़ीं,

 शांति और संतोष

जुड़ी अपने आप।।

अस्थाई शरीर 

अस्थाई संसार,

जीवन चंद 

सालों का मेहमान।।

क्यों करना दौड़ धूप।।

न पढ़ते कालिदास,

 न पढ़ते तुलसीदास।

 जो पढ़ते  विवशता से।

 भाग्यवान चमकते,

 हिंदी तमिल क्षेत्र में।

अपनी संतानों को अपनी मातृभाषा से

 दूर ही रखते

 दुनियादारी लोग।।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

Thursday, July 10, 2025

कृषक

 धरती पुत्र किसान 

एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु 

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 मानव पशु ,

पाषाण युग में 

कच्चा माँस खाता।

आवारा रहा।

एक जंगल 

खाली करके 

जंगल जंगल भटकता।

मानव सभ्य बना तो

कारण धरती पुत्र किसान।।

 किसान  मानव को

  चलते फिरते जानवर जीवन मनुष्य को 

 सभ्य बनाया,

 एक ही स्थान में 

 खेती करके बसाया।

संस्कार दिया।

 मनुष्य को क्षुधा 

पूर्ति के लिए 

 इधर उधर भटकने से बचाया।

 परिणाम पेट भरने के बाद 

 सोचने विचारने लगा।

 आग का उपयोग,

 चक्र का पता,

 अपने अपने समाज 

 समाज सुरक्षा

 मानव एकता।

 विचारों की एकता 

 भाईचारा भाव!

 धरती पुत्र किसान न तो

 मानव असभ्य

 जंगली जानवर ही है जान।

 सोना, चाँदी, 

उद्योग,पद,धन

 भूखे के सामने

 धूल समान।।

 भूखा भजन न गोपाला।

  सिद्धार्थ को एक 

 अनपढ़ अहरी ने सिखाया।

 लाल बहादुर शास्त्री ने

 नारा दिया --

"जय जवान,जय किसान"।

 दोनों न तो मानव जीवन में

 न अमन चमन जान्।

 जय किसान,

 धरती पुत्र,

वह न तो मानव जीवन 

 अस्ती बंजर जानो।

 किसानों को 

जय बोलो।

 इस बात को 

गाँठ बाँधकर

 रख लो।

Tuesday, July 8, 2025

जीवन का उपदेश

 नमस्ते वणक्कम्।

 सोचा बहुत,

  मित्र से ,

  सहपाठी से

 सहकर्मियों से

 नाते रिश्तों से

 गुणी मनुष्यों से

अवगुणियों से

 सहायकों से

 अंत में मन को मारा,

 आत्मा से मिला,

 आत्मज्ञान मिला।

  अत्यंत महत्वपूर्ण  बातें 

 अपूर्व शांतिप्रद संतोषप्रद

 आनंद प्रद मार्ग एक ही

  वह मार्ग है सत्य मार्ग ।

 नेक मार्ग, तटस्थ मार्ग

 ईश्वर का चरण लो।

केवल ईश्वरीय 

विचार चिंतन करो।

  वह जानता है 

क्या देना है? 

क्या न देना है?

 कहाँ रखना है?

 कैसे रखना है।

 कर्तव्य सही निभाओ।

 कर्तव्य करने की क्षमता,

 ईश्वरीय देन है।

 शिक्षा मिली ठीक है,

 तैरना नहीं जानते तो

  बेचारे हो तुम।

ऊँच नीच न मानो

 भले ही तुम इंजनीयर हो,

 गड्ढा खोदने मज़दूर न आएगा तो 

तेरी योजना चौपट।

भंगी न तो सारा शहर दुर्गंध।

 अपने अपने धंधे में माहिर।

ईश्वर का शरण लो।

 इच्छाएँ तुम्हारी 

 पूरी होंगी।

 पूर्ण करने आएगा,

 कोई  अज्ञात, 

मनुष्य के रूप में  

ईश्वर आएगा।

 तुम्हारा एक मात्र सहारा 

 भगवान, भक्त वत्सल।

 सत्य मार्ग अपनाओ,

 संसार में मनोवांछित 

फल पाओ।

 एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना

ललकार -चुनौती

 जीवन की चुनौतियाँ

एस. अनंतकृष्णन 

++++++++++

 जीवन 

 जन्म और मरण के

 बीच का समय।

 इस समय में मानव 

 अपने स्वाभिमान जिंदगी के लिए चुनौतियों का सामना करता है।

बचपन से ही धनी,

बचपन से ही ग़रीबी,

 धनी की चुनौती 

 अपनी प्रतिष्ठा  कम न होने देना।

 ग़रीबी की चुनौती 

 रोज़ी रोटी कमाना।

बचपन से की चुनौती 

 बालक बन की चुनौती।

जवानी की चुनौती 

 नौकरी की चुनौतियाँ।

पद, पदोन्नति, 

 वैवाहिक जीवन।

 परिवार की रक्षा,

स्वास्थ्य की रक्षा।

संतान पालन,

गृहस्थ जीवन 

 उम्र का बढ़ना

 प्रौढ़ावस्था,

 बुढापा।

 हर स्थिति में 

 चुनौतियाँ।

 शिक्षा, परीक्षा,

 अनुभव ज्ञान,

 सज्जन का सुमार्गदर्शन।

 दुर्जनों का  संताप।

 प्राकृतिक प्रकोप ‍।

 उम्र बढ़ते बढ़ते 

 अंग, प्रत्यंग,उपांग की

 शिथिलता, साध्य असाध्य रोग।

सुशासन कुशासन की समस्या।

 महँगाई की समस्या,

 प्रेम, विश्वासघातियों की चुनौती।

जिंदगी कुछ भी नहीं,

रोना,हँसना, जीना ,मरना।

 चुनौती ही चुनौती।

बढ़ी चुनौती स्वास्थ्य और

 आर्थिक चुनौतियाँ।

 शिक्षा माध्यम की चुनौतयाँ।

 मातृभाषा माध्यम,

 उच्च शिक्षा में अंग्रेज़ी माध्यम।

 शिक्षा का बोझ।

  कदम कदम पर समस्याएँ।

 रिश्वत, भ्रष्टाचार, चुनाव 

 30%मतदाता वोट नहीं देते।

 40% वोट लेकर शासक बनते।

 30%विपक्षी दल।

अल्पसंख्यकों का शासन।

ठेकेदार की मज़ा।

 कच्ची सडकें

 पानी की तंगी।

 भारत भर में 

फुटपाथ वासियों की चुनौतियाँ।

भक्ति की परेशानियाँ।

 निर्गुण सगुण।

जाति भेद, मजहब भेद

 संप्रदाय भेद।

 प्रदूषण की समस्याएँ।

 विचार प्रदूषण।

 प्रांतीय दलों का विकास।

राष्ट्र भाषा, राजभाषा की समस्याएँ।

 राष्ट्रीय शिक्षा की चुनौतियाँ।

  कदम कदम पर चुनौतियाँ मानव जीवन में।

 वैष्णव धर्म में दक्षिण कला, उत्तर कला की चुनौतियाँ।

 हर साल गणेशजी  जुलूस में भय भीतर जनता।

 पुलिस की परेशानी।

 आतंकवादी की चुनौती 

 नक्सलैटों की चुनौती।

 थोड़े में कहें तो चुनौती ही चुनौती मानव जीवन में।