राष्ट्र हित साहित्य
राष्ट्र निर्माण| में साहित्य ।
राष्ट्रीय एकता के लिए साहित्य ।
सत्तर साल की आजादी में
तेलुगु भाषियों के प्रांत टुकडा।
परिणाम आज बोलते हैं
तेलंगाना एक कश्मीर।
तमिलनाडु एक कश्मीर।
स्वार्थ लुटेरे शासक ,
धर्म भेद , जाति भेद को
प्राथमिकता देकर ,
अपने पद, धनव, भ्रष्टाचार
छिपाने में कुशल।
बुद्धु मतदाता जागते नहीं।
जागो! यवको! जगाओ।
देश ही प्रधान ।
बाद में मजहब, संप्रदाय ,जातियाँ।
जागो, जगाओ, देश बचाओ।
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