Tuesday, August 2, 2016

राष्ट्र हित

राष्ट्र हित साहित्य 
राष्ट्र  निर्माण| में साहित्य ।
राष्ट्रीय एकता के लिए साहित्य ।
सत्तर साल की आजादी में
तेलुगु भाषियों  के प्रांत टुकडा।
परिणाम आज बोलते हैं
तेलंगाना एक कश्मीर।
  तमिलनाडु एक कश्मीर।
स्वार्थ लुटेरे शासक ,
धर्म भेद  , जाति भेद  को
प्राथमिकता देकर ,
अपने पद, धनव, भ्रष्टाचार
छिपाने  में  कुशल।
बुद्धु मतदाता  जागते नहीं।
जागो! यवको! जगाओ।
देश ही प्रधान ।
बाद में मजहब, संप्रदाय ,जातियाँ।
जागो, जगाओ, देश बचाओ।

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