Monday, August 1, 2016

साहित्य

साहित्य  हित करना है,
जवानों में देश-भक्ति जगाना है।
कानून पर ,पुलिस पर ,मंत्री मंडल पर
भरोसा बढाना है।
चित्रपट साहित्य  जो असरदार है,
वह तो खून  से शुरु होता है।
ईमानदार अफसरों की हत्या,
हत्या छिपाने के साजिश| में
मंत्री, पुलिस अधिकारी,  सब
अपराधी, कपाली देखा।
कानून चुप , बदमाशों का राज्य।
बद्माशी ही बद्माशी की सजा ।
  कितनी हत्याएँ, कानून चुप ।
बादशाह भी वैसी ही चित्र पट।
शासित दलों की  ही अधिकार।
न जाने  भविष्य ।
ऐसा ही कानून हाथ में लेते हैं बदमाश ।
आम जनता कील सुरक्षा नहीं।

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