Tuesday, December 18, 2018

திருப்பாவை -3 तिरुप्पावै

तिरुप्पावै 3
वामनावतार लेकर विष्णु ने तीन पग जमीन महाबली चक्रवर्ती से मांगी. 
दान के लेते ही विराटावतार लेकर एक पद से सारी धर्ता ले ली, दूसरे पद से पाताल, तीसरे पग बली न दे सके. 
और अपने को ही सौंपा. तीसरा पग विष्णु ने चक्रवर्ती का सिर पर रखकर पाताल भेज दिया. 
इसमें गेपिकाएँ विराटावतार का यशोगान करती हैं. 
कहती हैं कि ऐसे विश्व नापे ईश्वर के गुणगान गाने से
महीने में तीन बार वर्षा होगी.
देश संपन्न हो गा. अकाल दूर होगा.
चारों ओर संतोष और शांति का साम्राज्य होगा.
अतः जगन्नाथ का यशोगान करते करते तडके उठकर नहाएँगे. विष्णु की यशोगान करेंगे.

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