इरादे इश्क का बदलकर मकसद देखो.
इश्क निभाना कैसे ,
आजकल इश्क इश्क शब्द सी
समाज संयम खो बैठी है।
मुहब्बत निभाने पति पत्नी को मार देता।
पत्नी पति को।
ज़रा समाज में बलात्कार रोकने
मुहब्बत निभाना तज
कर्तव्य निभाने पर जोर देना
राष्ट्र हितैषी लेखकों का संकल्प।
फिर रीति काल में चलेंगे तो
अन्य शक्ति का बेगार बनेंगे।
तलाक के मुकद्दमे बढ़ते जाएंगे
इरादे मकसद को मुहब्बत से
राष्ट्र -समाज सुधार में लगाकर देखो।
स्वरचित -स्वचिंतक -यस. अनंतकृष्णन (तमिलनाडु-हिंदी प्रचारक )
इश्क निभाना कैसे ,
आजकल इश्क इश्क शब्द सी
समाज संयम खो बैठी है।
मुहब्बत निभाने पति पत्नी को मार देता।
पत्नी पति को।
ज़रा समाज में बलात्कार रोकने
मुहब्बत निभाना तज
कर्तव्य निभाने पर जोर देना
राष्ट्र हितैषी लेखकों का संकल्प।
फिर रीति काल में चलेंगे तो
अन्य शक्ति का बेगार बनेंगे।
तलाक के मुकद्दमे बढ़ते जाएंगे
इरादे मकसद को मुहब्बत से
राष्ट्र -समाज सुधार में लगाकर देखो।
स्वरचित -स्वचिंतक -यस. अनंतकृष्णन (तमिलनाडु-हिंदी प्रचारक )
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