चाँद -सी चंद लोग.
सूर्योदय -सूर्यास्त की लालिमा सा चंद लोग.
दोपहर की तपती धूप सी चंद लोग.
तारे से अति दूर से अपने
अस्तित्व दिखाते कुछ लोग.
समुद्र का तरंगों जैसे बहु विचारवाले,
चंचल मन वाले, बीच समुद्र सा शांति प्रद.
उनमें कितने जीवन जंतु,
विषैले,आदमखोर,आहार प्रद, आय प्रद
अपूर्व, अनूठा जल पशु,
क्रूर, शांत, रंगीले,मन मोहक, घृणाप्रद,
समुद्रतट की शीतल हवा,
समुद्र विसर्जन की अस्तियाँ,
गणेश की मूर्तियाँ, पाखाना,
आत्म हत्या या आनंदविभोर लहरों द्वारा आत्मसात,
शोकमय, आनंदमय जीवात्माएँ.
कितनी कल्पनाएँ आकाश सा अनंत सीमाहीन,
सागर सा गहरा, गहरे सागर में परिचित अपरिचित
लाखों अंडज पिंडज, हैरान हो मनुष्य को
सृजनहार सर्वेश्वर का शरणार्थी बन
चंद पल, ध्यान मग्न होना,
शरणागतवत्सल की कृपा पाने का मूल.
सूर्योदय -सूर्यास्त की लालिमा सा चंद लोग.
दोपहर की तपती धूप सी चंद लोग.
तारे से अति दूर से अपने
अस्तित्व दिखाते कुछ लोग.
समुद्र का तरंगों जैसे बहु विचारवाले,
चंचल मन वाले, बीच समुद्र सा शांति प्रद.
उनमें कितने जीवन जंतु,
विषैले,आदमखोर,आहार प्रद, आय प्रद
अपूर्व, अनूठा जल पशु,
क्रूर, शांत, रंगीले,मन मोहक, घृणाप्रद,
समुद्रतट की शीतल हवा,
समुद्र विसर्जन की अस्तियाँ,
गणेश की मूर्तियाँ, पाखाना,
आत्म हत्या या आनंदविभोर लहरों द्वारा आत्मसात,
शोकमय, आनंदमय जीवात्माएँ.
कितनी कल्पनाएँ आकाश सा अनंत सीमाहीन,
सागर सा गहरा, गहरे सागर में परिचित अपरिचित
लाखों अंडज पिंडज, हैरान हो मनुष्य को
सृजनहार सर्वेश्वर का शरणार्थी बन
चंद पल, ध्यान मग्न होना,
शरणागतवत्सल की कृपा पाने का मूल.
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