सब दोस्तों को,
सादर प्रणाम.
संचालक कुसुम त्रिवेदी को
विशेष प्रणाम.
विषय मुक्त रचनाएं,
मुख पुस्तिका से परिचित मुक्त
शीर्षक समिति में.
मुक्त या मुक्ति फिर कैसी रचना
किसके लिए? क्यों?
विषय स्वतंत्र, जीवन मुक्त, पर
मर्यादा का बंधन,
भावों का बंधन
बंधित शैली,
बंधन मुक्त न हो तो
विषय मुक्त कैसे?
रचनाकारों तो बंधित विषय पर जाना.
मर्यादा की सीमा न लांघना,
संयम सीखना, जितेंद्र बनना,
देश प्रेम, अनुशासन, सत्य,
कर्तव्य पालन,परोपकार
आदी से मुक्त
प्रेम का अश्लील वर्णन.
आजकल समाज बिगाडना का विषय.
दुर्दर्शन बच्चों का कार्यक्रम तमिल में,
तीन साल की बच्ची से सवाल:
कालेज जाकर क्या करेगी?
बच्ची का उत्तर अच्छे लडके से
प्रेम करूंगी,
अभिभावक, दर्शक की तालियाँ.
यही आजकल,
सुपर सिंगर लडके लड़कियों से
अश्लीले अभिनय के गीत.
अंंग अभिनय वासना सहित
मनोरंजन, पैसे समाज बिगाडने.
कैसे विषय मुक्त रचना
विषय बंधन युक्त.
स्वरचित स्वचिंतक:यस.अनंतकृष्णन
सादर प्रणाम.
संचालक कुसुम त्रिवेदी को
विशेष प्रणाम.
विषय मुक्त रचनाएं,
मुख पुस्तिका से परिचित मुक्त
शीर्षक समिति में.
मुक्त या मुक्ति फिर कैसी रचना
किसके लिए? क्यों?
विषय स्वतंत्र, जीवन मुक्त, पर
मर्यादा का बंधन,
भावों का बंधन
बंधित शैली,
बंधन मुक्त न हो तो
विषय मुक्त कैसे?
रचनाकारों तो बंधित विषय पर जाना.
मर्यादा की सीमा न लांघना,
संयम सीखना, जितेंद्र बनना,
देश प्रेम, अनुशासन, सत्य,
कर्तव्य पालन,परोपकार
आदी से मुक्त
प्रेम का अश्लील वर्णन.
आजकल समाज बिगाडना का विषय.
दुर्दर्शन बच्चों का कार्यक्रम तमिल में,
तीन साल की बच्ची से सवाल:
कालेज जाकर क्या करेगी?
बच्ची का उत्तर अच्छे लडके से
प्रेम करूंगी,
अभिभावक, दर्शक की तालियाँ.
यही आजकल,
सुपर सिंगर लडके लड़कियों से
अश्लीले अभिनय के गीत.
अंंग अभिनय वासना सहित
मनोरंजन, पैसे समाज बिगाडने.
कैसे विषय मुक्त रचना
विषय बंधन युक्त.
स्वरचित स्वचिंतक:यस.अनंतकृष्णन
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