तिरुप्पावै -५ आण्डाल (दक्षिण की मीरा )
मायारूपी ईश्वरीय गुणी ,
उत्तर मथुरा में जन्मे
पुण्य जल की पवित्र यमुनातटवासी ,
देवकी को सम्मान देकर
अहीर कुल में जन्मे
यशोधा के बंधन में संतोष प्रद
श्री कृष्ण को मन में रखकर ,
खुशबूदार फूलों को चढाने पर ,
उसका यशोगान करने पर
पूर्व जन्म के ,
ज्ञात -अज्ञात किये पाप
रूई सम जलजायेंगे।
अतः सदा उनके चिन्तन में रहने में
भला ही भला है।
मायारूपी ईश्वरीय गुणी ,
उत्तर मथुरा में जन्मे
पुण्य जल की पवित्र यमुनातटवासी ,
देवकी को सम्मान देकर
अहीर कुल में जन्मे
यशोधा के बंधन में संतोष प्रद
श्री कृष्ण को मन में रखकर ,
खुशबूदार फूलों को चढाने पर ,
उसका यशोगान करने पर
पूर्व जन्म के ,
ज्ञात -अज्ञात किये पाप
रूई सम जलजायेंगे।
अतः सदा उनके चिन्तन में रहने में
भला ही भला है।
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